आचार्य सम्राट श्री आनन्दऋषिजी म.सा. की जन्म जयंती पर गुणानुवाद सभा का आयोजन
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ५ अगस्त ;अभी तक; मंदसौर में चातुर्मास हेतु विराजित प.पू. जैन साध्वी श्री रमणीककुंवरजी व साध्वी श्री चंचलाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 की पावन प्रेरणा व निश्रा में विविध धार्मिक गतिविधियों का आयोजन स्थानकवासी जैन समाज में किया जा रहा है। कल सोमवार 5 अगस्त को साध्वी श्री रमणीककुंवर म.सा. की पावन निश्रा में आचार्य सम्राट श्री आनन्द ऋषि म.सा. की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। उपाध्याय श्री केवलमुनिजी म.सा. की जन्मजयंती भी इस अवसर पर मनाई गई।
साध्वी श्री रमणीकुंवरजी म.सा. ने धर्मसभा में कहा कि आनंदऋषिजी म.सा. व श्री केवलमुनिजी म.सा. का सम्पूर्ण जीवन जैन संतों व श्रावक श्राविकाओं के लिये प्रेरणादायी है। भारत देश में कई ़ऋषि मुनि हुए उनमें आनन्द ऋषि जी म.सा. का जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने कई धार्मिक पाठशालाये खोली तथा जैन धर्म व दर्शन का कैसे प्रचार हो इसके लिये जीवन भर प्रयत्न किया। वे कई भाषाओं के ज्ञाता थे, हिन्दी मराठी भाषा के अच्छे वक्ता व ज्ञाता थे उन्होंने श्रवण संघ के आचार्य पद पर रहते हुए जैन परम्पराओं का पालन किया। इसी प्रकार उपाध्याय केवलमुनिजी म.सा. का जीवन भी त्यागमय रहा। उन्होंने कई धार्मिक उपन्यासों की रचना की वे जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. के परम शिष्य थे। धर्मसभा में साध्वी श्री चंचला श्रीजी म.सा. सुश्राविका कान्ता कुदार, शशि मारू ने भी अपने विचार रखे। संचालन पवन जैन (एच.एम.) ने किया।