प्रदेश
खरगोन जिले में टाइगर मूवमेंट के बाद जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक
आशुतोष पुरोहित
खरगोन 5 नवम्बर :अभी तक ; मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महाराष्ट्र से लगे इलाके में टाइगर के मूवमेंट को लेकर कल सायं जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गयी। इसमें टाइगर के मूवमेंट को वॉच करने के लिए ट्रैप कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। आमतौर पर इस क्षेत्र में तेंदूए ही देखे जाते हैं।
खरगोन के वन मंडलाधिकारी रमेश राठौड़ ने बताया कि कल शाम करीब 5 बजे वन विभाग के अमले को तितरानिया रेंज में टाइगर का मूवमेंट दिखाई दिया। उन्होंने उसका 18 सेकंड का वीडियो भी बनाया है। उन्होंने बताया कि वन अमले को फीमेल टाइगर के साथ उसका शावक भी दिखाई दिया था। उन्होंने बताया कि इस ‘बिग कैट’ के होने की 8-10 दिन से सूचना थी लेकिन वन अमले को आज ही कंफर्मेशन हुआ कि यह टाइगर है।
उन्होंने बताया कि इस रेंज से लगे महाराष्ट्र के यावल जिले के पाल सेंचुरी में टाइगर्स की उपस्थिति है। और संभवतः यह मादा बाघ वहां से खरगोन जिले में विचरण करते हुए आ गयी है। उन्होंने बताया कि सम्भवतः मादा टाइगर ने पाल सेंचुरी में शावक को जन्म दिया । और उसे मेल टाइगर से बचाने के लिए वह इस तरफ आ गई है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र की पॉल सेंचुरी को खरगोन जिले में टाइगर और उसके शावक के मूवमेंट की जानकारी दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि कल सायं कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में इस क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए 6 ट्रैप कैमरे मंगाए जा रहे हैं।
डीएफओ ने बताया कि हालांकि तितरानियां रेंज में ज्यादातर फॉरेस्ट एरिया है ,लेकिन फिर भी करीब एक दर्जन ग्रामों में मुनादी कर टाइगर की उपस्थिति जानकारी देकर ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है।
मार्च 2023 में ग्राम गवला में खेत में काम कर रहे किसान रमेश भास्करे (30) पर बाघ ने हमला किया था। इसके बाद अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी ।
हालांकि इससे पहले जुलाई 2022 में भी झिरन्या से लगी नर्सरी में बाघ देखने की जानकारी लोगों ने दी थी।