प्रदेश
मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों की सूचना न देने पर मकान मालिकों पर धारा 223 के तहत अपराध दर्ज करने के लिए निर्देशित किया गया
आनंद ताम्रकार
बालाघाट १५ नवंबर ;अभी तक ; जिला मुख्यालय बालाघाट सहित संपूर्ण अनुविभाग में अनुविभागीय दण्डाधिकारी अधिकारी श्री गोपाल सोनी द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधान लागू किये गये जाने के पश्चात मकान मालिकों द्वारा किरायेदारों की सूचना न देने पर मकान मालिकों पर धारा 223 के तहत अपराध दर्ज करने के लिए निर्देशित किया गया था।
इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक श्री नागेन्द्र सिंह द्वारा बालाघाट नगर में बाहर से आकर किरायेदार के रूप में रह रहे व्यक्तियों मेले मढई के आयोजनों में आने वाले लोगों और उनके डेरे के व्यक्तियों आदि के सत्यापन के निर्देश समस्त थाना प्रभारी को दिये गये थे।
निर्देशों के परिपालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वय विजय डाबर एवं के एल बंजारे के मार्गदर्शन में लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है।
जिसमें ताज नगर बालाघाट निवासी मकान मालिक जावेद खान के 2 मंजिल मकान में 2 माह से भदोई उत्तर प्रदेश निवास किरायेदार रहते पाये गये वहीं वार्ड नं.8 निवासी मकान मालिक सतीश साहू द्वारा पिछले 10 माह से जालौन कोंच उत्तर प्रदेश के 2 किरायेदारों को रखा गया था जिसके विषय में जानकारी नहीं दी गई थी। दोनों ही प्रकरणों में मकान मालिकों पर धारा 223 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
यह उल्लेखनीय है कि बालाघाट जिले में बिहार उत्तर प्रदेश,जम्मू कश्मीर,झारखण्ड,पश्चिम बंगाल के लोग आकर किरायेदार बनकर निवास कर रहे है और व्यापार कर रहे है जिसकी सूचना प्रशासन को मकान मालिकों द्वारा अनेकों बार जानकारी दिये जाने के बावजूद भी उनके द्वारा पुलिस को जानकारी नही दी जाती। इस कार्यवाही के किये जाने से मकान मालिक और किरायेदारों में हड़प मच गई है और वे किरायेदारों के पहचान पत्र और फोटो लेकर समीपवर्ती थाने में पहुंचने लगे है।
कोतवाली बालाघाट थाने में कल गुरुवार को 42 मकान मालिकों ने किरायेदारों की सूची सौंपी है यह सूची एसडीएम को भी प्रेषित की जायेगी।
पुलिस अधीक्षक श्री नागेन्द्र सिंह द्वारा जारी किये गये निर्देशों के आधार पर डोर टू डोर किरायेदारों का वेरिफिकेशन करना शुरू किया है बिना सूचना के घर में किराएदार रखे जाने पर 2 मकान मालिकों पर अपराध पंजीबद्ध किये जाने के संबंध में एसडीएम द्वारा की गई कार्यवाही से समूचे जिले में सनसनी फैल गई है।
एसडीएम श्री गोपाल सोनी ने अवगत कराया की किरायेदारों का सत्यापन कराया जाना आवश्यक है क्योंकि इसी आधार पर किरायेदार के बैकग्राउंड का पता चलता है अपराधियों को पकड़ने में आसानी होती है किराये पर दी गई जगह पर कोई अपराध घटित होता है तो किरायेदार के सत्यापन पश्चात अपराधी को पकडना आसान होता है। किरायेदार के सत्यापन से समाज में होने वाले अपराधों तथा संभावित खतरों से बचा जा सकता है और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा करने में आसानी होती है।
उन्होने यह भी अवगत कराया की वेरिफिकेशन किये जाने की कार्यवाही निरंतर चलती रहेगी मकान मालिकों को इस कार्यवाही में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करना चाहिये।