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खरगोन जिले के झिरन्या में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 12 हजार 882 लोगों की 121 से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सों ने की जांच
आशुतोष पुरोहित
खरगोन 16 नवम्बर ;अभी तक ; इंदौर संभाग के कमिश्नर श्री दीपक सिंह की पहल पर खरगोन जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र झिरन्या में 16 नवंबर को संभाग स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। झिरन्या क्षेत्र के लिए यह एक ऐतिहासिक स्वास्थ्य शिविर रहा है। जिसमें 12 हजार 882 लोगों की जांच की गई है। इस शिविर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर, मेडिकल कॉलेज खण्डवा, अरविंदों हॉस्पिटल इंदौर, ऑल इज वेल हॉस्पिटल बुरहानपुर एवं खरगोन जिले के 121 विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी।
एकलव्य विद्यालय परिसर झिरन्या में आयोजित शिविर के शुभारंभ अवसर पर कलेेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुबाई तंवर, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती संगीता नार्वे, उपाध्यक्ष श्री मनोज जायसवाल, पूर्व विधायक श्री धुलसिंग डावर, श्रीमती नंदा ब्राह्मणे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएस सिसोदिया, सिविल सर्जन डॉ. एएस चौहान, इंदौर के कीट वैज्ञानिक डॉ. शर्मा, एसडीएम श्रीमती आकांक्षा करोठिया, जनपद पंचायत के सीईओ श्री महेन्द्र श्रीवास्तव, अन्य जनप्रतिनिधि एव अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री शर्मा ने शिविर के शुभारंभ अवसर पर बताया कि झिरन्या के इस शिविर के आयोजन में जिला प्रशासन के साथ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा विभाग, जनजातीय कार्य विभाग, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, परिवहन, आबकारी, खनिज, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी कर स्वास्थ्य विभाग का सहयोग किया है। यह शिविर झिरन्या एवं दुरस्थ आदिवासी क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है। गरीब एवं आदिवासी समाज के लोगों को इलाज के लिए रुपए खर्च कर जिला मुख्यालय खरगोन, खण्डवा या इंदौर, बड़ौदा जैसे बड़े शहरों में जाना होता था। जिससे उन्हें शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेशानी को सामना करना पड़ता था और इसमें समय की बर्बादी भी होती थी। झिरन्या का यह शिविर ऐसे लोगों के लिए राहत भरा रहा है। उन्हें एक ही छत के नीचे सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिली है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने बताया कि इस शिविर में 12 हजार से अधिक लोगों का इंदौर, खण्डवा, बुरहानपुर एवं खरगोन से आए 121 विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। इस शिविर में स्कूली एवं छात्रावास के छात्र-छात्राओं का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है। उन्होंने बताया कि इस शिविर में जिन लोगों की जांच की गई है और उन्हें फालोअप की जरूरत है तो ऐसे मरीजों के लिए एक यूनिक आईडी बनाई गई है। इस यूनिक आईडी के माध्यम से जिन चिकित्सकों ने उनकी जांच की है वे आगे भी उनका फालोअप लेते रहेंगे। उन्होंने बताया कि इससे पहले भगवानपुरा एवं भीकनगांव में वृहद स्तर पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है, जो काफी सफल रहे हैं।
70 वर्ष से अधिक के लोगों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने आय सीमा का बंधन समाप्त
कलेक्टर श्री शर्मा ने इस दौरान बताया कि भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना में 70 वर्ष से अधिक की आयु के वृद्धजनों को शामिल किया गया है। 70 वर्ष से अधिक के लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आय की सीमा का बंधन हटा दिया गया है। आयुष्मान कार्ड सुगमता से बनाएं जा रहे हैं। इसके लिए हितग्राही को केवल अपना आधार कार्ड और उससे लिंक मोबाइल नंबर लेकर आना होता है। जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में आयुष्मान कार्ड बनाने का काम किया जा रहा है। शीघ्र ही ग्राम पंचायत स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाएं जाएंगे। जिले में 70 वर्ष से अधिक की आयु के लगभग 90 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जाना है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएस सिसोदिया ने इस अवसर पर बताया कि जो नहीं पहुंचा हम तक, हम पहुंचे उन तक इस थीम को लेकर झिरन्या में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में 22 रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं देने पहुंचे हैं। शिविर में विभिन्न प्रकार की 100 से अधिक जांचे करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस शिविर में पंजीयन के लिए 37 काउंटर बनाएं गए हैं। एकलव्य विद्यालय के आडिटोरियम हॉल में महिलाओं के जांच एवं उपचार की व्यवस्था की गई। इसी हॉल में 03 सोनोग्राफी मशीनों के द्वारा महिलाओं की जांच की गई हैै। शिविर में अरविंदों हॉस्पिटल की दांत, आंख एवं केंसर जांच के चलित ईकाई अपनी सेवाएं देने पहुंची है। इस शिविर में जांच के उपरांत मरीजों को निःशुल्क दवाओं का वितरण किया गया है। शिविर में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए अलग से काउंटर रखा गया था।
शिविर में मरीजों के पंजीयन, जनरल मेडिसीन एवं दवाई वितरण के लिए अलग-अलग काउंटर बनाएं गए थे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं, सिकलसेल एनीमिया, केंसर जांच, दंत रोग, नेत्र रोग, चर्म रोग, शिशु रोग, अस्थि रोग, मूत्र रोग, ह्दय रोग सहित अन्य सभी रोगों के सम्पूर्ण इलाज एवं जांच की व्यवस्था की गई थी। अलग-अलग बीमारियों की जांच के लिए अलग-अलग कक्ष बनाएं गए थे।
इस स्वास्थ्य शिविर में विभिन्न विधाओं की विशेषज्ञों मेडिसिन विभाग सर्जरी विभाग ईएनटी, नेत्र कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी ऑर्थाेपेडिक्स डेंटल फिजियोथेरेपी के साथ-साथ अन्य विधाओं के चिकित्सक उपस्थित रहे। इस शिविर में पैथोलॉजी विभाग की तरफ से विभिन्न प्रकार की जांच भी की गई जिसमें खून की जांच, पेशाब की जांच, ब्लड प्रेशर की जांच, शुगर की जांच के साथ-साथ अन्य सभी प्रकार की जांच भी की गई। इस शिविर की विशेषता यह रही कि शिविर में महिलाओं की सोनोग्राफी जांच एवं ईको, इसीजी, कॉर्डियों सहित सभी प्रकार की जांच की गई और एएनसी परीक्षण किए गए। स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा विभिन्न बीमारियों के साथ-साथ, कैंसर, नाक, कान, गला, हड्डी के चिकित्सकों द्वारा भी अपनी सेवाएं प्रदान की गई।
शिविर में चिकित्सकों द्वारा कुछ ऐसी बीमारियां चिन्हित की गई है जिनका उपचार यहां संभव नहीं है उनका उपचार एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर एवं मेडिकल कॉलेज खण्डवा से संबद्ध समस्त चिकित्सालय में निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। इस शिविर में आयुष विभाग के चिकित्सकों द्वारा भी आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं युनानी पद्धति से मरीजों के उपचार के लिए परीक्षण किया गया और निःशुल्क दवाएं दी गई।
कलेक्टर श्री शर्मा ने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ सभी स्टॉलों एवं काउंटरों का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं को देखा। इस दौरान मरीजों से चर्चा भी की। इस अवसर पर एकलव्य विद्यालय परिसर झिरन्या में मनरेगा की 10 लाख रुपये की राशि से स्वीकृत पोषण वाटिका में एक पौधा मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया गया।
शिविर में 12 हजार 882 मरीजों द्वारा अपना पंजीयन करवाया गया। जिसमंे 27 मरीज मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए शंकरा नेत्र अस्पताल इंदौर एवं 47 व्यक्तियों को अरविंदो अस्पताल इंदौर के लिए चिन्हित किए गए। 37 बच्चों की ईको जांच की गई, जिसमें 19 बच्चों को हृदय संबंधी समस्या होने पर चिन्हित किया गया। जिनकी सर्जरी श्री अरविंदो इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस इंदौर में की जाएगी। साथ ही 502 गर्भवती महिलाओं एवं 102 सामान्य सोनोग्राफी जांच की गई। स्वास्थ्य मेले में स्वास्थ्य विभाग के लगभग 850 अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा प्रातः 07 बजे से शिविर समाप्ति तक अपनी सेवायें प्रदाय की गई।