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वनरक्षक भर्ती में खरगोश-कछुए की कहानी दोहराई, आगे दौड़ रहा युवक आराम करने के लिए रुका तो सो गया;

मयंक शर्मा

खंडवा २९ मार्च ;अभी तक;  किवंदती है कि  खरगोश और कछुए के बीच दौड़ में फर्राटे भरने वाला खरगोश अति आत्मविश्वास में दौड़ में कछुए से हार गया था। कुछ ऐसाही परिदृश्य मंगलवार  को यहां लोगो को  रेामांचित कर गया।

मंगलवार को खंडवा में वनरक्षकों भर्ती के लिए 24 किलोमीटर की दौड़ 4 घंटे में पूरी करना थी। सुबह एक साथ 61 युवाओं ने दौड़ शुरू की। इसमें डबरा से आए 21 वर्षीय उम्मीदवार पहाड़ सिंह भी दौड़ा। पहाड़ सिंह ने 3 घंटे में ही 21 किमी की दूरी तय करने के बाद जब पीछे मुड़कर देखा तो दूसरे प्रतिभागी उसे दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिए। उसने सोचा कि इन लोगों को आने में बहुत देर लगेगी, इसलिए थोड़ा आराम कर लेते हैं। वह सड़क किनारे खड़े डंपर की आड़ में लेट गया। इस बीच पहाड़ सिंह को ऐसी नींद लगी कि दौड़ का समय खत्म होने के बाद तक वहीं सोता रहा।

                                रेंजर जेपी मिश्रा ने बताया कि वन स्टाफ ने दौड़ के रास्ते में जगह-जगह चेकपोस्ट लगाए थे। चेकपोस्ट पर खड़े कर्मचारियों ने बताया कि 21 किमी की दूरी पहाड़ सिंह ने सुबह 9.17 बजे महज 3 घंटे में पूरी कर ली थी। दौड़ में सबसे आगे पहाड़ सिंह ही था, लेकिन वह रास्ते में रुक गया और दौड़ खत्म होने के बाद भी सोता रहा। जबकि, वह दौड़ पूरी करने से महज 3 किलोमीटर ही दूर था। बाद में वन अमले की टीम ने उसे जगाया।
                     उन्होने बताया कि  थोड़े से आलस के कारण पहाड़ सिंह सबसे क्षमतावान होने के बावजूद वनरक्षक की भर्ती से बाहर हो गया, जबकि दौड़ में हिस्सा लेने वाले अन्य सभी 60 युवाओं ने दौड़ की परीक्षा पास कर ली।
                      पछतावा करते हुये पहाड़ सिंह ने  मीडिया से कहाकि ं एक साल से आर्मी की तैयारी कर रहा था। सुबह उठकर रोज रनिंग करता था। वन रक्षक की दौड़ में सबसे आगे मैं ही था, लेकिन पैर में छाले आ गए थे। थक भी गया था, तो सोचा कि अभी तो सभी बहुत दूर हैं तो थोड़ा बैठ जाता हूं, लेकिन ऐसी नींद लगी कि दौड़ खत्म होने के बाद भी नहीं टूटी। मुझे बहुत दुख हुआ कि जीतते-जीतते मैं हार गया। थोड़े से आलस ने मेरी साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया।
                           डीएफओ देवांशु शेखर ने बताया कि मंगलवार को अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवक-युवतियों के लिए वनरक्षक पद की भर्ती के लिए दौड़ की परीक्षा थी। खंडवा जिले के लिए 38 पद हैं। इन पदों के लिए तीन गुना फॉर्म भरे गए थे। इनमें से 61 युवा (9 महिला व 52 पुरुष) अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षा के प्रथम चरण में पुरुषों के लिए 24 और महिलाओं के लिए 14 किलोमीटर की दौड़ रखी गई थी। इसे 4 घंटे में पूरी करना था। सुबह साढ़े 6 बजे केंद्रीय विद्यालय से दौड़ शुरू कर अमलपुरा तक जाना और फिर स्कूल तक ही सुबह साढ़े 10 बजे तक वापस आना था। एक पहाडसिंह को छोड़कर बाकी 60 अभ्यर्थियों ने समय पर दौड़ पूरी कर ली।
                       उन्होने कहा कि श्योपुर, मुरैना, दतिया, गुना, अशोकनगर, ग्वालियर, भिंड, शिवपुरी, मंडला, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, बालाघाट, अनूपपुर, छिंदवाड़ा और सिवनी क्षेत्र में रहने वाले बेगा, सहरिया व भारिया जनजाति के युवक-युवतियों के लिए यह परीक्षा थी। इसमें पहला चरण दौड़, दूसरे चरण में मेडिकल फिर तीसरे चरण में पढ़ाई की मेरिट लिस्ट के आधार पर सिलेक्शन होगा।

 

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