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आबना नदी में दो मासूम छात्रो की डूबने से मौत

मयंक शर्मा

खंडवा ९ अप्रैल ;अभी तक;  शनिवार को यहा आबना नदी दो मासूम छात्रो (दोस्तों )की ें डूबने से मौत हो गई। दोनों एक मोहल्ले में रहकर एक ही स्कूल में पढ़ाई करते थे। दोनों ने एक तीसरे दोस्त को साथ लिया और साइकिल उठाकर नदी तरफ गए। पानी में नहाने के लिए उतरे तो पत्थर पर काई से पैर फिसल गया। गड्‌ढे में कीचड़ व गाद जमा होने से दोनों डूब गए। यह देखते तीसरे दोस्त ने घर की तरफ दौड़ लगाई, ।।परिवार वालों को दोनों के डूबने की सूचना दी। परिजन मौके पर पहुंचे और बच्चों को बाहर निकाला। लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी।

रामनगर चैकी प्रभारी एसआई सुभाष नावड़े ने बताया कि मृतकों की पहचान गौरव उर्फ अनमोल (11) पिता केदार तिवारी व कार्तिक उर्फ कान्हा (12) पिता राजेश पचैरे के रूप में हुई। दोनों जसवाड़ी रोड, गोविंद नगर स्थित गोलमोल बाबा के पास रहते है। साथ एक अन्य दोस्त नीलेश पटेल भी था। आबना नदी के रपटे पर साइकिल छोड़ दी और थोड़ी दूर जाकर नहाने लगे। तभी काई पर पैर फिसला और बड़े गड्‌ढे में जा गिरे। गड्ढे में गाद जमा होने से फंस गए। धीरे-धीरे धंसते चले गए और दम तोड़ दिया।

बताया गया है कि गौरव और कार्तिक जब नदी में नहाने के लिए उतरे तो 10 साल का नीलेश पटेल दूर खड़ा रखा था। चीखने की आवाज सुनते ही वह घर की तरफ दौड़ा और परिवार वालों को बताया। परिवार के लोग नदी तरफ दौड़े। किसानों की मदद से बच्चों को एक-एककर नदी से बाहर निकाला। दोनों को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद मृत घोषित कर दिया।

गौरव और कार्तिक वैकुंठ नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में पढ़ाई करते थे। गौरव छठवी तथा कार्तिक सातवी कक्षा का छात्र था। गौरव इकलौता बेटा था, परिवार में उससे बड़ी तीन बहने है, जिनकी शादी हो चुकी है। करीब 25 साल पहले गौरव के चाचा की मौत भी आबना नदी में डूबने से हो गई थी।

मृतकों के परिजन मजदूर परिवार से है।  गौरव के पिता केदार तिवारी ईंट-भट्टा पर बैलदारी का काम करते है। वही, कार्तिक के पिता राजेश पचैरे भी रेलवे व बस स्टैंड पर बैग-चैन सुधारने का काम करते है।

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