प्रदेश
कृषि उपज मण्डी मे किसानो के शोषण का जिम्मेदान कौन ?
महावीर अग्रवाल
मंदसौर २४ मई ;अभी तक; मंदसौर कृषि उपजमंडी मे प्रतिदिन किसानों का हर प्रकार से शोषण हो रहा है, न तो स्वच्छ व ठण्डा पेयजल की व्यवस्था है,न ही केन्टिन मे पौष्टिक व ताजा भोजन की व्यवस्था है जबकि सब्सिडी के नाम पर लाखो रूपये की बंदरबांट हो रही है, किसानो की फसल के लिये पर्याप्त जगह नही है। फसल विक्रय हेतु निर्धारित शेडो मे व्यापारियो का माल रखा जाता है इसका नुकसान अचानक वर्षा होने से किसानो को भुगतना पड़ता है।
आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष गंगाराम पाटीदार द्वारा जिला पदाधिकारियो के साथ कृषि उपज मण्डी का भ्रमण व किसानो से चर्चा कर उनकी समस्याओ के बारे मे जानकारी प्राप्त की। किसानो द्वारा बताया गया कि तोलकांटे में गड़बड़ी कर किसानो को लुटा जा रहा है, अलग अलग तोल कांटो से अलग अलग वजन मात्रा आ रही है, जिससे कई बार किसानों द्वारा चोरी पकड़ी गई है और मण्डी मे निलामी और तोल बन्द करवाया गया है। किसानों को तीन दिन तक लाईन में लगकर फसल बेचना पडती है, जिससे तीन दिनो तक वाहन भाडा और मजदुरी का खर्च उठाना पडता है, मजबूरन फसल न्युनतम कीमत पर भी बेचना पडती है क्योकि किसान मैं इतनी हिम्मत नहीं रहती है कि पुनः तीन दिनो तक लाईन मे लगकर अपनी फसल बेच सके। किसानो की इसी मजबुरी का फायदा व्यापारियो द्वारा उठाया जा रहा है । किसानो के शोषण मे हम्मालों की भी सहभागिता रहती है। किसानो को फसल तुलाई हेतु बारदान लाना व टेका लगाना पड़ता है। मण्डी मे वाहन हेतु लाईन के लिए नम्बर लगाने, जल्दी निलामी करवाने व तोल करवाने के नाम पर भी शोषण होता है। हम्मालो व तुलावटियो तथा किसानो के बीच विवाद आये दिन की घटनाये है, इससे सारा शोषण किसानो का ही हो रहा है, क्योकि व्यापारी, तुलावटी, हम्माल व मण्डी कर्मचारी सभी संगठित है, और उन सब को प्रतिदिन मंडी मे ही रहना होता है, जब कि किसान वर्षभर मे दो चार बार ही मण्डी मे आता है। वह न तो संगठित है और न ही उसके मण्डी मे अपने अधिकारो के बारे मे जानकारी है !
जिलाध्यक्ष गंगाराम पाटीदार द्वारा बताया गया कि भाजपा व मण्डी प्रशासन बड़े गर्व से नंबर वन मण्डी प्रचारित कर तारीफों के पुल बांधकर अपनी पीठ थपथपाते है, जबकि तीन दिनों तक किसानों को लाईन मे लगना व विभिन्न तरीको से किसानो का शोषण होना भाजपा के 15 साल के शासन पर करारा तमाचा है ।
आम आदमी पार्टी किसानो को जागृत करेगी, और आने वाले विधानसभा चुनावो में किसान भाजपा को इसका करारा जवाब देंगे, तभी भाजपा व मण्डी प्रशासन की आंखे खुलेगी।