प्रदेश

हड़ताल के दिनों का वेतन का भुगतान किया जाये, आशा, उषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा ने दिया वित्त मंत्री को ज्ञापन

महावीर अग्रवाल

मन्दसौर ३१ मई ;अभी तक;  आशा, उषा, आशा सहयोगी संयुक्त मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा को देकर आशा-उषा को 10 हजार रू. एवं पर्यवेक्षकों को 15 हजार  मासिक वेतन तत्काल लागू कर भीषण महंगाई में अमानवीय शोषण से राहत प्रदान करने तथा आशा ऊषा पर्यवेक्षकों का रूटीन इंसेंटिव का भुगतान किये जाने की मांग की गई। ज्ञापन का वाचन कार्यकर्ता मुन्ना बैरागी ने किया।

                                       संगठन जिलाध्यक्ष माधुरी सौलंकी ने बताया कि न्यायपूर्ण वेतन दिये जाने की मांग को लेकर प्रदेश की आशा ऊषा एवं आशा पर्यवेक्षक विगत 15 मार्च 2023 से अनिश्चितकालीन हडताल पर रही है। दो माह लम्बी हडताल के बाद अब 15 मई को हड़ताल समाप्त किये जाने के बाद आशायें आज 16 मई से काम शुरू कर दिया है। हड़ताल के बाद आशाओं की आर्थिक स्थिति और भी दयनीय है। अब अपने आप एवं परिवार को जिंदा रखते हुये विभाग का काम करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आशा उषा एवं पर्यवेक्षकों पर है। आशा ऊषा पर्यवेक्षकों हड़ताल के दिनों का वेतन / राशि का भुगतान कराया जावे ताकि मानसिक तनाव से मुक्त हो कर वे विभागीय काम को पूरा करने में सफल हो सकें।

साथ ही मांग की गई कि वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ा जावे। आशा, ऊषा, आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जावे तब तक न्यूनतम वेतन, भविष्य निधि, ई. एस. आई., ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जावे। न्यूनतम वेतन 26,000रु. निर्धारित किया जावे। न्यायपूर्ण वेतन की मांग को लेकर किये गये प्रदर्शन के लिये सीएमएचओ ग्वालियर द्वारा अनुचित तरीके से सेवा समाप्त किये गये सभी 25 आशाओं की तुरन्त सेवा बहाल किया जावे। आशाओं की प्रोत्साहन राशि के भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित किया जावे। प्रोत्साहन राशि में अनुचित कटौती को रोका जावे। प्रत्येक आशा से अब तक काटी गयी सभी राशियों का एरियर सहित भुगतान किया जावे। आशाओं के द्वारा की गयी कोविड वैक्सीनेशन ड्यूटी, डी पी टी बूस्टर वैक्सीन, एनसीडी सर्वे, परिवार नियोजन, निर्वाचन कार्य सहित सभी कामों का बकाया प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जावे।प्रत्येक माह की 5 तारीख को आशा एवं पर्यवेक्षकों का भुगतान सुनिश्चित किये जाने हेतु ठोस उपाय किया जावे। आशाओं की सभी मीटिंगों एवं पर्यवेक्षकों के वास्तविक यात्रा व्यय का भुगतान किया जावे। आशा एवं पर्यवेक्षकों को वेतन सहित 20 आकस्मिक अवकाश दिया जावे एवं मेडिकल लीव का ठोस नियम बनाया जाये। आशा पर्यवेक्षको को वेतन सहित रविवार को साप्ताहिक अवकाश प्रदान किया जावे। आशा एवं पर्यवेक्षकों को शासन के कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन की दर पर 6 माह का मातृत्व अवकाश एवं अन्य सुविधाएं दी जावे, बिना किसी जांच के आशाओं की सेवा समाप्ति पर तुरंत रोक लगायी जावे।पेंशन एवं सेवानिवृत्त लाभ लागू किये बिना आशा एवं पर्यवेक्षकों को सेवानिवृत्त न किया जावे। सेवानिवृत्ति पर आशाओं को पं. बंगाल की तरह 3 लाख रुपये का एक मुश्त राशि प्रदान किया जावे। सेवाकाल में मृत्यु की स्थिति में 5 लाख रुपये का एकमुश्त राशि मृत आशा ऊषा पर्यवेक्षकों के आश्रितों को प्रदान किया जावे आदि मांगे रखी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आशा, उषा एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।

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