नयी दिल्ली, तीन अगस्त ; अवसाद रोधी आधुनिक उपचार जारी रखकर मरीजों में ‘बायपोलर डिसऑर्डर’ की वापसी को रोका जा सकता है। कनाडा स्थित ‘यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया’ के अनुसंधानकर्तओं के नेतृत्व वाले एक अंतरराष्ट्रीय क्लीनिकल अध्ययन के परिणाम से यह जानकारी मिली है।.
‘बायपोलर डिसऑर्डर’से ग्रस्त मरीज की भावनात्मक स्थिति और मिजाज में बदलाव आते हैं। वह कभी बहुत ऊर्जावान एवं खुश महसूस करता है और कभी अवसाद में रहता है। मरीजों को इससे निपटने के लिए अवसाद रोधी दवाओं के साथ-साथ मिजाज को स्थिर बनाने वाली और/या मनोविकार रोधी दवाएं दी जाती हैं।.
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