खंडवा १२ सितम्बर ;अभीतक; दलित परिवार की 16 साल की युवती का फांसी के फंदे पर मिला शव का पुलिस ने खुदकुशी बताकर मामलें की इति श्री कर दी थी लेकिन परिजनों द्वारा एसपी को जो सबूत पेश किये है उससे मामला पलट गश है। मृतका की मां की मांग है कि जिस तरह मैंने अपनी बेटी को फंदे पर देखा, उसी तरह धमकाने वाले को फांसी दी जाए।
गत 28, 29 अगस्त की रात को पिपलोद थाना क्षेत्र के गांव चांदपुर में 11वीं की छात्रा ने फांसी लगा ली थी। मृतका 16 वर्षीय दिव्यांशी के पिता नरेंद्र बामने ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में सुसाइड की वजह खुद करने के पभ्दे उनकी बीमारी बताई थी। लेकिन दो दिन बाद दिव्यांगी की बहन ने मोबाइल में इंस्टाग्राम अकाउंट खंगाला तो गांव के मंदिर पुजारी की चैटिंग मिली। चैटिंग में उसने अश्लील गालियों का प्रयोग कर रखा था, वही बात-बात पर धमकाने का जिक्र था। पुजारी पवित्र उर्फ लक्की के खिलाफ मृतका के पिता ने पुलिस से शिकायत भी की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। बाद में उन्होंने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने संज्ञान लिया। सोमवार रात को ही आरोपी पवित्र के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस टीम तत्काल सक्रिय हुई और आरोपी को हिरासत में ले लिया। पिपलोद थाना प्रभारी अनोख सिंधिया ने बताया कि आरोपी पुलिस हिरासत में है। आत्महत्या के लिए उकसाने संबंधी धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
खुदकुशी माने जाने वाले मामले में नया मोड मोबाईल के चोटिग के खुलासा होना बताया गया हैं। परिजन को पहले लगा कि पिता की बीमारी के कारण तनाव में आकर नाबालिक ने सुसाइड किया है। मृतका की बड़ी बहन ने जब मोबाइल चेक किया, तो कुछ और ही हकीकत सामने आई। इंस्टाग्राम चैटिंग में गांव के ही युवक द्वारा धमका कर परेशान करने का खुलासा हुआ। आरोपी युवक गांव के मंदिर में पुजारी है। परिजन ने अव्वल पिपलौद पुलिस को चैटिंग सौंपी थी।
इसके बाद पिपलोद थाने पुनः पहुंच कि बेटी को न्याय मिलेगा, लेकिन हमसे कहा कि गवाह लेकर आओ। बगैर गवाह के रिपोर्ट नहीं लिखूंगा। हमने चैटिंग के सबूत दिए, तो मना कर दिया कि इनसे कुछ नहीं होने वाला।
पीडित परिवार ने एसपी के पास दस्तक दी । इसके बा पिपलौद पुलिस को मामले की गंभीरता सामने आयी।
मृतका ं दिव्यांशी की मां गीताबाई कहती हैं, श्दिव्यांशी के अलावा मेरी दो बेटियां और हैं। एक उससे बड़ी और दूसरी उससे छोटी है, लेकिन दिव्यांशी बेटे की तरह थी। वो हमारीें हिम्मत थी ।परिवार की जिम्मेदारी उसी के पास थी। मृतका की मां ने बताया कि हम लोग कुछ समय के लिए खंडवा भी गए थे, ताकि बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो सके, लेकिन महंगाई के कारण वापस मायके चांदपुर लौट आई। यहां भी किराए से रहते हैं। मजदूरी करके काम चल जाता है। बेटी दिव्यांशी रोजाना तीन किलोमीटर दूर गुड़ी स्कूल जाती थी। वो बायोलॉजी सब्जेक्ट से 11वीं में पढ़ रही थी। कुछ दिनों से स्कूल आते-जाते समय उदास रहने लगी थी। पूछने पर कहती थी कि मैं थक गई हूं। मैं भी सोच लेती थी कि बेटी पैदल जाती है, इसलिए थक जाती होगी, लेकिन मां होकर भी इस उदासी के पीछे की सच्चाई समझ नहीं पाई।
काश ! समझ पाती, तो बेटी इस दुनिया को छोड़कर नहीं जाती। तीन बेटियों के बाद बेटे की तमन्ना छोड़ दी थी। उसकी मौत की वजह गांव का वो पुजारी है। पवित्र उर्फ लक्की नाम के उस युवक को बेटी मामा कहती थी, लेकिन वो बेटी को लगातार टॉर्चर कर रहा था। ऊंची जाति का था, इसलिए धमकाता था। इंस्टाग्राम की चैटिंग देखिए, वो बेटी को किस तरह नीच जाति का कहकर अपमानित कर रहा था। मैंने मेरी बेटी को फंदे पर लटकते देखा है, इसलिए मैं भी उस दरिंदे को फांसी पर लटकते देखना चाहती हूं।श्
मामले के जांच एव पिपलौद थाने के एसआई प्रेम सिंह जामोद ने कहा कि पंचनामा बनाते परिजनों के बयान लिए थे, तब उन्होंने सुसाइड की वजह मृतका के पिता के बीमार होना बताई थी। बाद में इंस्टाग्राम चैटिंग के आधार पर गांव के एक युवक पर एफआईआर की मांग की। जिस पर सकारात्मक कार्राही की जा रही है। चैटिंग को आधार मानकर एफआईआर कर अब पडताल जारी है।
एसपी के पास शिकायत के बाद पीडित परिजन ने कहा कि बेटी को न्याय दिलाना चाहते हैं। उसके सोशल मीडिया अकाउंट से लगता है कि वह लड़का एकतरफा प्यार का दबाव बना रहा था। राह चलती लड़कियों पर कमेंट्स करता है। 9वीं में फेल हो गया था, तब से वह चांदपुर तो कभी खरगोन के महेश्वर में रहता है।महेश्वर में उसने मकान खरीद लिया है। सोशल मीडिया पर बंदूक थामे कई फोटो अपलोड कर रखे हैं। शक्ल से तो गुंडा लगता है। हमारी बेटी की जान ले ली, वो हमें भी मरवा सकता है।