बिना फिटनेस व बीमा के दौड़ रही थी बस, डंपर की टक्कर से जिंदा जल गए 13 लोग; सीएम ने किया मुआवजे का एलान
कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय खत्री ने घायलों को एंबुलेंस और अन्य वाहनों से जिला अस्पताल पहुंचवाया। बस का फिटनेस सर्टिफिकेट 17 फरवरी 2022 तक का ही था। बीमा 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हो गया था। अधिकारियों का कहना है कि पूरी तरह से परीक्षण के बाद ही सामने आ पाएगा कि कितने लोग बस में सवार थे और कितने की जलने से मौत हुई है।
गुना से आरोन जा रही सिकरवार बस में बुधवार रात करीब 8.30 बजे डंपर ने टक्कर मार दी। इसके बाद डीजल टैंक फटने से बस आग का गोला बन गई, जिसमें 13 यात्री जिंदा जल गए एवं 16 गंभीर रूप से घायल हैं। घायल यात्रियों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। इनमें से कुछ की हालत बेहद नाजुक है। समाचार लिखे जाने तक बस में जिंदा जले हुए कुछ शवों को निकलने की कोशिश जारी थी। शव बुरी तरह जल जाने के कारण देर रात तक उनकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी।
जांच के आदेश जारी
वहीं दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने दुख व्यक्त करते हुए जांच के आदेश दिए है। बताया जाता है कि प्रतिदिन की तरह 32 सीटर सिकरवार बस बुधवार रात करीब आठ बजे गुना से आरोन के लिए रवाना हुई। अभी बस जिला मुख्यालय से करीब सात किमी दूर घूम घाटी पर पहुंची ही थी कि डंपर ने सामने से टक्कर मार दी। इसके बाद बस पलट गई और आग लग गई। इधर सूचना मिलते ही कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय खत्री घटना स्थल पर पहुंचे और घायलों को एंबुलेंस और अन्य वाहनों से जिला अस्पताल पहुंचाया। अंधेरा होने के कारण बचाव कार्य में देरी हुई तो देर रात पुलिस ने घटना स्थल पर उजाले के लिए चलित वाहन में रोशनी की व्यवस्था की।
बिना फिटनेस व बीमा के दौड़ रही थी बस
जानकारी के अनुसार बस बिना बीमा और फिटनेस के दौड़ रही थी। बस की फिटनेस अवधि 17 फरवरी 2022 को खत्म हो गई है और बीमा अवधि 30 अप्रैल 2021 को समाप्त हुई है। परिवहन विभाग व जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बस की नियमित जांच नहीं हुई है।
लपटों में घिरे यात्रियों को बचाने कोई नहीं पहुंच सका
बस में इतनी अधिक आग की लपटें निकल रहीं थीं कि कोई व्यक्ति बस के अंदर फंसे लोगों को निकालने भी नहीं जा सका। जैसे ही बस में लपटें उठना शुरू हुईं वैसे ही यात्रियों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। बस जिस मार्ग पर चल रही थी वह सुनसान इलाका था। बस के घाटी से टकराने के बाद रुकने पर कुछ यात्री बाहर निकले व फोन करके पुलिस को सूचना दी। कुछ यात्रियों ने बस के दरवाजे, खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने के बाद पुलिस व प्रशासन का बचाव दल मौके पर पहुंचा और घायलों को उपचार के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया है।
बस के पिछले हिस्से में बैठे यात्री आग से घिर गए
बस में आग लगने के बाद आगे व बीच की सीटों पर बैठे कुछ ही यात्री बाहर निकल सके थे। बस के पिछले हिस्से में बैठे लोग धूं-धूं कर झुलसने लगे थे। जब तक पुलिस व प्रशासन का राहत दल पहुंचा तब तक 15 लोग बुरी तरह झुलस गए। बस से निकाले गए कुछ यात्रियों ने अस्पताल में दम तोड़ा। मृतकों व घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
अस्पताल में इमरजेंसी अलर्ट
घटना होने के बाद जिला अस्पताल में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया गया। सभी डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुला लिया गया है। अस्पताल में घायलों के उपचार की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। क्षेत्रीय विधायक पन्नालाल शाक्य ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से चर्चा की व उपचार की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बस दुर्घटना के जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों से कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। दुर्घटना में मृतक के स्वजन को चार लाख और घायलों को पचास हजार रुपये आर्थिक मदद देने के निर्देश दिए हैं।