आचार संहिता से बड़े प्रोजेक्ट पर असर:भोपाल के GG फ्लाईओवर-सर्वधर्म ब्रिज का लोकार्पण चुनाव बाद; मेट्रो का कमर्शियल रन आगे बढ़ेगा
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से भोपाल में इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट पर असर पड़ेगा। जो प्रोजेक्ट अंतिम दौर में हैं, उनका लोकार्पण चुनाव के बाद ही होगा। इनमें GG (गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक) फ्लाई ओवर, सर्वधर्म ब्रिज शामिल हैं। वहीं, मेट्रो का कमर्शियल रन भी एक-दो महीने आगे बढ़ सकता है। अब तक इसकी डेटलाइन मई-जून थी, लेकिन इस अवधि में वोटिंग-काउंटिंग होगी।
राजधानी में अभी बड़े प्रोजेक्ट- मेट्रो, कोलार सिक्सलेन, जीजी
चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है।
जो योजनाएं पहले से चल रही हैं, उन पर तो इसका असर नहीं होगा, लेकिन वायु सेवा अटक जाएगी।
लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा होते ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। पहले से चल रही योजनाओं का काम तो चलता रहेगा, लेकिन जो नई योजनाएं घोषित हुई थीं, उनका काम अटक सकता है। खास तौर पर पीएम श्री धार्मिक हेली सेवा और पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा फिलहाल उड़ान नहीं भर सकेंगी। इसी तरह भोपाल के जीजी फ्लाईओवर का औपचारिक उद्घाटन भी अब लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद ही हो सकेगा।
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सरकारी कामकाज थम-सा जाता है। आचार संहिता का असर पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा और पीएम श्री धार्मिक हेली सेवा पर सीधे-सीधे पड़ेगा। इसका शुभारंभ हो चुका है लेकिन नियमित सेवा शुरू होने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन दोनों ही सेवाओं के संचालन के लिए निजी एजेंसी ने कई रुट को लेकर अनुमतियां नहीं ली हैं। इसके लिए विभाग ने एजेंसी को दो माह का वक्त दिया है। यदि तय समय में एजेंसी को अनुमति मिल भी जाती है तो निर्वाचन आयोग की अनुमति से ही यह सेवा शुरू हो सकेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि फिलहाल लोकसभा चुनावों के नतीजों तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
जीजी फ्लाईआवर पर नहीं दौड़ पाएंगे वाहन
भोपाल के जीजी फ्लाईओवर (गायत्री मंदिर से गणेश मंदिर तक) भी बनकर तैयार है। लोक निर्माण विभाग की योजना अप्रैल 2024 में इसका शुभारंभ करने की थी। इसका काम भी करीब-करीब पूरा हो गया है। अप्रैल के पहले हफ्ते में ट्रायल के लिए एक सप्ताह तक वाहनों के लिए फ्लाईओवर को खोला जाना है। ऐसे में औपचारिक लोकार्पण में जरूर वक्त लग सकता है।
इन सुविधाओं के लिए भी करना होगा इंतजार
सरकार ने प्रदेश के सभी जिला अस्पताल में नि:शुल्क शव वाहन रखने का निर्णय लिया है। प्रशासकीय स्वीकृति विभाग से जारी हो गई है। इसके बाद भी योजना के लिए टेंडर जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में सरकार के अस्पतालों में नि:शुल्क शव वाहन उपलब्ध होने में भी समय लगेगा।
आदर्श आचार संहिता में क्या होगा क्या नहीं?
आदर्श आचार संहिता निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने तक लागू रहेगी। चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है। वोटों की गिनती के बाद ही अब यह हटेगी। इस दौरान आचार संहिता का पालन अनिवार्य है। उल्लंघन करने पर राजनेता या राजनीतिक दल के खिलाफ निर्वाचन आयोग कार्रवाई कर सकता है।
ये काम नहीं हो सकेंगे-
– सार्वजनिक धन का उपयोग किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम में नहीं किया जा सकेगा।
– सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
– किसी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास नहीं होगा।
– किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहहले अनुमति लेना होगी।
– चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांग सकेंगे।
– अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण या तैनाती पर प्रतिबंध होगा। आवश्यक होने पर सरकार को आयोग से अनुमति लेना होगी।
– चुनाव के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सरकारी खर्चे पर पार्टी की उपलब्धियों के संबंध में विज्ञापन और सरकारी जन-संपर्क प्रतिबंध है।
– केंद्र में सत्ताधारी पार्टी/राज्य सरकार की उपब्धियों को प्रदर्शित करने वाले होर्डिंग या विज्ञापनों को सरकार खर्चे पर जारी नहीं रखा जाएगा।