मनुष्य रहन सहन, खानपान सुधारें, समय पर सोये और समय पर उठे- श्री पारसमुनिजी

6:29 pm or September 18, 2023

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर १८ सितम्बर ;अभी तक;  मानव का रहन सहन व खानपान ही उसके बीमारियों की मुख्य वजह है। जब तक वह अपना रहन सहन, खानपान नहीं  सुधारेगा उसके जीवन में सुधार नहीं आयेगा। मनुष्य के आलस्य की मुख्य वजह है देरी से सोना और देरी से उठना। जब शरीर को पूरा आराम नहीं मिलेगा तो शरीर में आलस्य आयेगा ही, इसलिये समय पर सोये और समय पर उठे। इसी से जीवन में सुधार देखने को मिलेगा।
                           उक्त उद्गार परम पूज्य जैन संत श्री पारसमुनिजी म.सा. ने शास्त्री कॉलोनी स्थित जैन दिवाकर स्वाध्याय भवन में कहे। आपने सोमवार को पर्युषण पर्व के सप्तम दिवस धर्मसभा में कहा कि रात्रि 10 बजे के पूर्व सो जाओ ओर प्रातः 4 बजे उठ जाओ अपनी इस आदत से आप आलस्य पर विजय पा सकते है लेकिन यदि रात्रि में 2 बजे सायेंगे तो 9 बजे उठेंगे। यही आपकी जीवन चर्चा खराब हो जाती है समय पर सोना और समय पर जागने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति अधिक होत है। सोने के लिये भी रात्रि 10 से 4 बजे तक का ही समय उपयुक्त है। लेकिन देरी से सोने के कारण आप अपनी जीवन चर्या खराब कर देते हो इसमें सुधार लायेंगे तो जीवन में परिवर्तन होगा।
                          खानपान की शुद्धता रखे-संतश्री ने कहा कि शुद्ध खानपान से ही निरोगी काया रहती है। लेकिन शुद्ध खानपान आजकल मिलना कठिन हो गया है। प्रयास करें कि शुद्ध खानपान का ही उपयोग करे। दूध, घी एवं प्रतिदिन काम आने वाले पदार्थ शुद्ध होने चाहिये।
                        मौन रहो- पारसमुनिजी म.सा. ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति तुम पर क्रोध करे उस पर मौन रहने का प्रयास करो जब आप मौन रहोगे तो क्रोध करने वाला क्रोध पर शांत हो जायेगा। प्रतिदिन जब आप मौन रहोगे तो क्रोध करने वाला क्रोध कर शांत हो जायेगा। प्रतिदिन जब आप घर पर रहते हो उस समय 15 मिनट मौन रहने की कोशिश करो। आपका मौन ही क्रोध एवं घर के क्लेश को रोकने का सबसे कारगर उपाय है।
धर्मसभा के उपरांत सुंदरलाल शांतिलाल लावरीवाला परिवार, पवनकुमार अरविंद उकावत परिवार, राजेन्द्र तरवेचा परिवार के द्वारा प्रभावना वितरित की गई।