महावीर अग्रवाल
मंदसौर १८ सितम्बर ;अभी तक; मानव का रहन सहन व खानपान ही उसके बीमारियों की मुख्य वजह है। जब तक वह अपना रहन सहन, खानपान नहीं सुधारेगा उसके जीवन में सुधार नहीं आयेगा। मनुष्य के आलस्य की मुख्य वजह है देरी से सोना और देरी से उठना। जब शरीर को पूरा आराम नहीं मिलेगा तो शरीर में आलस्य आयेगा ही, इसलिये समय पर सोये और समय पर उठे। इसी से जीवन में सुधार देखने को मिलेगा।

खानपान की शुद्धता रखे-संतश्री ने कहा कि शुद्ध खानपान से ही निरोगी काया रहती है। लेकिन शुद्ध खानपान आजकल मिलना कठिन हो गया है। प्रयास करें कि शुद्ध खानपान का ही उपयोग करे। दूध, घी एवं प्रतिदिन काम आने वाले पदार्थ शुद्ध होने चाहिये।
मौन रहो- पारसमुनिजी म.सा. ने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति तुम पर क्रोध करे उस पर मौन रहने का प्रयास करो जब आप मौन रहोगे तो क्रोध करने वाला क्रोध पर शांत हो जायेगा। प्रतिदिन जब आप मौन रहोगे तो क्रोध करने वाला क्रोध कर शांत हो जायेगा। प्रतिदिन जब आप घर पर रहते हो उस समय 15 मिनट मौन रहने की कोशिश करो। आपका मौन ही क्रोध एवं घर के क्लेश को रोकने का सबसे कारगर उपाय है।
धर्मसभा के उपरांत सुंदरलाल शांतिलाल लावरीवाला परिवार, पवनकुमार अरविंद उकावत परिवार, राजेन्द्र तरवेचा परिवार के द्वारा प्रभावना वितरित की गई।
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