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अनोखी को  तीन बार फांसी की सजा के बाद अनोखा फैसला हुआ आरोपी  बरी

मयंक शर्मा

खंडवा २० मार्च ;अभी तक;  यहां जिला अदालत की पास्को एक्ट न्यायाधीश प्राची पटेल की अदालत में एक अनोखा फैसला मंगलवार को सुनाया गयां।

तीन बार फांसी की सजा के बाद आरोपी को करने का आदेश न्यायालय ने दिया है। पास्को न्की अदालत में े जिस युवक को 9 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में जिला से लेकर उच्च न्यायालय ने तीन बार फांसी की सजा सुनाई  उसे मंगलवार को बाइज्जत बरी कर दिया गया है।

अभियुक्त की और से पैरवी करने वाले वकील वीरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया की 30 जनवरी, 2013 को खंडवा जिले की छैगांव माखन थाना पुलिस को नौ वर्षीय नाबालिग बालिका का शव मिला था। उसके साथ दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 21 वर्षीय अनोखीलाल पिता सीताराम खालवा थाने के ग्राम   ठाबिया निचासी  गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी मृतिका के हाथ मे मिले दो बाल की डीएनए रिपोर्ट को आधार बना कर की गई थी।

मज़दूर पेश आदिवासी युवक अनोखीलाल को आरोपित बनाकर पुलिस ने चालान खंडवा न्यायालय में पेश किया । यंहा महज 15 दिन में न्यायालय ने युवक को फांसी की सजा सुना दी। सजा को लेकर अभियुक्त पक्ष के वकील ने हाईकोर्ट में अपील की लेकिन वंहा भी फासी की सजा बरकरार रखी गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर वंहा से केस को फिर से सुनवाई के लिए खंडवा कोर्ट को आदेश हुए।

पॉक्सो कोर्ट में न्यायाधीश प्राची पटेल की अदालत ने दूसरी बार सुनवााई करते हुये युवक को फिर फांसी की सजा सुनाई। इस तरह युवक को तीन बार फ़ासी की सजा सुनाई गई । अभियुक्त की ओर से वकील ने फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटकाया तब जाकर केस की सुनवाई मे डीएनए रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर और पुलिस के बयान फिर लिए गए। इसके बाद मंगलवार पॉक्सो न्यायालय ने तीन बार फांसी की सजा पाने वाले आरोपी अनोखी का बरी करने का अनाखा फैसला सुनाया।

इस मामले में अधिवक्ता वीरेंद्र वर्मा ने बताया कि न्यायालय के आदेश के बाद युवक को जेल से रिहा कर दिया है। निर्णय से परिजनों को  राहत मिली है। लेकिन ग्यारह वर्ष से एक आदिवासी युवक को पुलिस की जल्दबाजी के कारण बेवजह जेल में रहना पड़ा। जबकि बालिका से ज्यादती व हत्या का दोषी आजाद घूम रहा है।

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