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अफीम का अवैध परिवहन करने वाले आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1-1 लाख रू जुर्माना

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर १३ दिसंबर ;अभी तक;  विषेष न्यायाधीष एनडीपीएस एक्ट मंदसौर द्वारा आरोपीगण (1) जासिम उर्फ यासिन पुत्र हकीमखां मेवाती, उम्र 37 साल निवासी- ग्राम उमठपालिया थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा जिला रतलाम, (2) रामनिवास उर्फ छोटिया पिता हरिराम चौहान उम्र 35 साल नि0ग्रा0 मजेसरी थाना भावगढ जिला मंदसौर को अफीम तस्करी करने का दोषी पाते हुए 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास और 1-1 लाख रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।

                                            अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा द्वारा घटना के संबंध में बताया कि दिनांक 08.03.2014 को थाना नारकोटिक्स सेल इंदौर प्रकोष्ठ नीमच के निरीक्षक दलसिंह परमार को मुखबिर सूचना मिली थी कि ग्राम मजेसरी का रामनिवास एवं उसका साथी जामिस उर्फ यासीन अपनी हीरोहोण्डा स्पेलेंडर मोटरसाईकिल से अवैध मादक पदार्थ अफीम लेकर मजेसरी से नीमच राजस्थान तरफ किसी बाहरी तस्कर को आज दिन में देने जायेंगे। यदि ग्राम नयाखेडा के पास बायपास रोड पर नाकाबंदी की जाये तो सफलता मिल सकती है। मुखबिर सूचना पर कार्यवाही हेतु निरीक्षक दलसिंह परमार मय फोर्स के थाने से रवाना होकर ग्राम नयाखेडा के पास बायपास रोड पर पंहुचकर नाकेबंदी की थी करीब 14ः30 बजे दलौदा तरफ से एक काले रंग की हीरो होण्डा स्पेलेंडर मोटरसाईकिल पर दो व्यक्ति मुखबिर द्वारा बताये गये हुलिये के आते दिखे, जिन्हें पास आने पर हमराह फोर्स की मदद से रोका दोनों व्यक्तियों के बीच में एक सफेद खाद के कट्टे की थैली रखी थी जिसमें कुछ भरा हुआ था। दोनों व्यक्तियों से नाम पता पुछते चालक ने अपना नाम जासिम उर्फ यासीन और पिछे बैठे व्यक्ति ने अपना नाम रामनिवास बताया था। उक्त दोनों आरोपियों को मुखबिर सूचना से अवगत कराया और तलाषी लेने की बात कही। आरोपीगण के कब्जे वाली कट्टे की थैली को चैक करने पर उसके अंदर काला भूरा तरल पदार्थ भरा हुआ मिला था। उक्त तरल पदार्थ की देखकर सूघकर पहचान की थी तो वह अफीम होना पाया गया। उक्त अवैध मादक पदार्थ अफीम का तौल इलैक्ट्रªॉनिक तराजू बांट से किया गया तो कुल वजन 4 किलो 260 ग्राम होना पाया गया। तत् पष्चात मौके पर ही आरोपीगण को गिरफ्तार किया गया, बाद संपूर्ण कार्यवाही पश्चात मय जप्तषुदा अवैध मादक पदार्थ अफीम जप्त कर थाने पर वापसी उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व संपूर्ण अनुसंधान उपरांत माननीय न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दोषसिद्ध किया।
प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन एडीपीओ दीपक जमरा द्वारा किया गया।

 

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