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अहिंसा, संयम व तप की त्रिवेणी धर्म है, उत्कृष्ट मंगल है, आध्यात्मिक संवाद में श्री पारसमुनि ने कहा

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर १६ अक्टूबर ;अभी तक;  आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. की 65वीं जन्म वर्षगांठ व पं. रत्न श्री पारसमुनिजी एवं वरिष्ठ संतश्री प्रेममुनिजी म.सा. के 57वें दीक्षा जयंती के अवसर पर श्री शांत क्रांति जैन श्रावक संघ द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आयोजन के अंतर्गत आध्यात्मिक चेतना अभियान द्वारा आध्यात्मिक संवाद का आयोजन किया गया।
                                    इस अवसर पर पं. रत्न श्री पारसमुनिजी ने कहा कि अहिंसा, संयम व तप की त्रिवेणी धर्म है, उत्कृष्ट मंगल है। जहां धर्म है वहां मंगल ही मंगल है। संसार में जो अशांति है, उसका कारण हिंसा है। जहां अहिंसा रहेगी वहां अशांति नहीं रहेगी। शांति चाहिए तो अहिंसा अपनाओ। सम्यक प्रकार से स्वयं को नियंत्रित करना व अनुशासन से रहना संयम है। इच्छाओं का निरोध तप है। आज संसार इच्छाओं का गुलाम बना हुआ है। इसीलिए सर्वत्र दुख ही दुख है। तप करने से शारीरिक, मानसिक व आत्मिक दुख दूर होते है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में दो पुरूषार्थ है और दो फल ही धर्म से मोक्ष और अर्थ से काम मिलता है। आज अर्थ को प्राथमिकता दी जा रही है और धर्म को छोड़ा जा रहा है इसी कारण दुख और अशांति है। अपार संपत्ति भी धर्म रहित अर्थ होने पर दुख ही देगी। धर्म युक्त अर्थ ही शांतिदायी हैं। धर्म में रमण करने वाले को देवता भी मनन करते है। आपने रात्रि भोजन त्याग की महत्ता, संतों के अहिंसक जीवन, मोबाइल एवं इलेक्ट्रानिक उपकरणों से दूरी, अनशन तप के आध्यात्मिक आधारों का विवेचन किया।
                   वरिष्ठ अभिभाषक श्री प्रकाश रातड़िया ने कहा कि संतों के त्याग, तपस्या व अध्ययनशील जीवन का लाभ मानव मात्र को अपने जीवन का परिष्कार करने में मिलता है।
                         हिन्दी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष श्री कृष्णकुमार जोशी ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी व स्वागत भाषण दिया। आध्यात्मिक चेतना अभियान के संयोजक श्री विनोद शर्मा एडवोकेट ने आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के जीवन व कृतित्व के बारे में वक्तव्य दिया। बीमा अभिकर्ता संघ के अध्यक्ष श्री योगेन्द्र जोशी ने पं. रत्न श्री पारसमुनिजी के व्यक्तित्व व विचारों का उल्लेख किया। आध्यात्मिक संवाद के संयोजक श्री रमेश ब्रिजवानी ने स्तवन प्रस्तुत किया। श्री भेरूलाल पटेल, श्री सत्यनारायण भूरिया, श्री प्रकाश चंदवानी, श्री प्रकाश कल्याणी, श्री कैलाश टांडी ने जिज्ञासाएं प्रस्तुत की। श्री शांतक्रांति जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष  श्री विमल पामेचा, उपाध्यक्ष श्री कांतिलाल रातड़िया, युवा संघ के राष्ट्रीय महामंत्री श्री निर्विकार रातड़िया, युवा संघ मंदसौर के अध्यक्ष श्री विनोद शर्मा, महिला संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजना कोचेट्टा, कार्यकारी अध्यक्ष किरण जैन, पूर्व अध्यक्ष पुष्पा रातड़िया, बहू मण्डल अध्यक्ष रेखा रातड़िया उपस्थित थे। समाजसेवी श्री राजेन्द्र छाजेड़ ने आभार प्रदर्शन किया। संचालन श्री प्रकाश रातड़िया ने किया।

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