प्रदेश

आचार्य रजनीश के छोटे भाई शैलेंद्र सरस्वती का बयान विवादों में आया, साधु-संतों को बताया था पाखंडी

मयंक शर्मा

खंडवा २९ दिसंबर ;अभी तक;   बुरहानपुर में आचार्य रजनीश ओशो के छोटे भाई शैलेंद्र सरस्वती का एक बयान विवादों में आ गया है। आचार्य शैलेंद्र सरस्वती इस समय बुरहानपुर आए हुए हैं। यहां उनका तीन दिवसीय ध्यान शिविर कार्यक्रम का आयोजन चल रहा है। शिविर का आयोजन शहर की एक निजी संस्था मेक्रो विज़न एकेडमी करा रही है। इसी के चलते आचार्य सरस्वती ने गुरुवार को प्रेस वार्ता की। इस दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने देश के साधु-संतों को कथित रूप से पाखंडी बता दिया। उनके इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। इसको लेकर धार्मिक भावनाएं आहत होने के संबंध में शहर के ही एक शिकायतकर्ता ने लालबाग थाना में शिकायत भी दर्ज कराई है।

लालबाग थाना प्रभारी अमित सिंह जादौन   ंने बताया कि अभी फिलहाल ऐसी एक शिकायत मिली है और प्रारंभिक रूप से पहले हम शिकायतकर्ता से उसकी शिकायत के संबंध में सबूत लेंगे और उसे थाने बुलाकर उसके बयान भी दर्ज करेंगे, जिसके बाद ही कोई कार्रवाई की जा सकेगी।

शिकायतकर्ता आनंद दीक्षित ने बताया कि मेरे द्वारा एक शिकायती आवेदन लालबाग थाने में दिया गया है। शैलेंद्र सरस्वती ने स्पष्ट रूप से हमारे देश के साधु संतों का अपमान किया है, जिससे मेरी धार्मिक भावना आहत हुई है। मुझे डर है कि इससे शहर में धार्मिक द्वेष फैलेगा और लोगों की धार्मिक भावनाएं भड़केंगी। इसलिए मैंने इसमें एक शिकायती आवेदन पत्र देकर जांच की मांग की

वायरल वीडियो में स्वामी जी बोल रहे हैं कि निश्चित रूप से वासना एक रोग है, तो उससे हमें ऊपर उठना है, और उसका उपाय उससे लड़ना नहीं है, बल्कि उसकी छिपी हुई ऊर्जा का रूपांतरण करना है। तथाकथित धार्मिक लोग, पंडित, पुरोहित, साधु, महात्मा हमें कामवासना का दमन सिखाते हैं। उससे दुश्मनी सिखाते हैं। वह कह रहे हैं कि बीज को ही नष्ट कर दो। यह तो संभव नहीं। उससे सिवाय पाखंड के और कुछ भी पैदा नहीं होता और हम सब जानते हैं कि हमारे देश के साधु-महात्मा कितने पाखंडी हैं। वह आनेस्ट नहीं हैं, ईमानदार नहीं हैं। झूठ बोल रहे हैं। उनका स्वयं का जीवन पाखंड भरा है और वह जो सिखा रहे हैं वह भी हिप्पोक्रेसी है, पाखंड है।

Related Articles

Back to top button