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ई फार्मेसी से बिकने वाली दवाईयाँ की गुणवत्ता संदिग्ध ; मप्र केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौतमचंद धीँग

महावीर अग्रवाल
मंदसौर  २० नवंबर ;अभी तक;  मप्र केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष गौतमचंद्र धीँग ने कहा कि ई फार्मेसी याने ऑनलाइन दवा व्यापार के खिलाफ संगठन पूरी मजबूती से लड़ाई लड़ रहा है। सकारात्मक निर्णय आने तक यह लड़ाई जारी रहेगी।
                            श्री धीँग ने मंदसौर प्रवास के दौरान श्री राहुल सोनी पत्रकार से एक चर्चा में कहा कि ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ हमारी लड़ाई का ही नतीजा है कि इनके टीवी पर विज्ञापन पर रोक लगी है। हम शासन और प्रशासन स्तर पर केमिस्ट हितो को लेकर लड़ रहे है। सम्भावना है कि आने एक से डेढ़ साल में हमें कामयाबी भी मिल जाएगी।
                            जिला एसोसिएशन की साधारण सभा व अभिनन्दन समारोह के बाद चर्चा कर रहे गौतमचंद धीँग ने कहा कि अगले माह में आल इंडिया केमिस्ट एसोसिएशन के सम्मलेन में भी इस मुद्दे पर गंभीता से चर्चा होंगी। कोशिश रहेगी कि ऑनलाइन फार्मेसी वालो को सीधे कंपनी या फ़ेक्ट्री से दवा सप्लाई बंद हो जाये। साथ ही ई फार्मेसी को पूरी तरह बंद करवाने की दिशा में प्रभावी कदम भी उठाये जायेंगे।
                              एक प्रश्न के जवाब में एमपीसीडीए के अध्यक्ष धीँग ने कहा कि उपभोक्ताओं को भी ऑनलाइन फार्मेसी को लेकर सतर्क होना चाहिए। उन्होने कहा कि ऑनलाइन बिकने वाली दवाईयाँ ओरिजिनल है या डुप्लीकेट। इसका निर्धारण कैसे किया जा सकता है। अभी जो भी नकली दवाइयों के जखीरे पकड़ाए है उनमे ऑनलाइन फार्मेसी का इन्वॉल्वमेन्ट आया है। ऐसे में साफ साफ कहा जा सकता है कि ऑनलाइन दवा व्यापार से सप्लाई होने वाली दवाइयों की विश्वासनीयता संदिग्ध है। उन्होंने सरकार से ऑनलाइन फार्मेसी के व्यवसाय पर रोक की मांग की। इस दौरान एमपीसीडीए के सचिव राजीव कुमार सिंघल, संगठन सचिव मनोजअगनानी, संभागीय उपाध्यक्ष राजकुमार जैन, जिला अध्यक्ष रविन्द्र जैन व सचिव अरुण भदादा भी मौजूद
                              प्रदेश अध्यक्ष गौतमचंद धीँग ने कहा कि प्रतिस्पर्धा और तकनीकी क्रांति के दौर में सभी केमिस्ट साथियों को अपडेट होना चाहिए। सभी कम्प्यूटराइज्ड और नये सॉफ्टवेयर से लब्ध तकनीक अपनाकर अपने व्यापार को अपडेट करना होंगा।

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