एशिया के सबसे बड़े पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की टेस्टिंग शुरू
मयंक शर्मा
खंडवा ४ अपील ;अभी तक; अपर कलेक्टर काशीराम बडोले ने जानकारी देते हुए बताया कि एशिया का सबसे बड़ा पानी पर तैरता सोलर पावर प्लांट की टेस्टिंग चल रही है और कुल मिलाकर 100 मेगावाट बिजली उत्पादन का उद्देश्य है उम्मीद है जो अगले सप्ताह से शुरू होने की संभावना है। शुरुआत की टेस्टिंग में 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगां।
जिले के ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में निर्माणाधीन एशिया के सबसे बड़े पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट ग्राम केलवाखुर्द के पास बैकवाटर में स्थित एम्प कंपनी के पावर प्लांट तक सप्लाई पहुंच गई है. अब एम्प के प्लांट में अन्य उपकरणों की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने पर पहले चरण में संभवत दो-तीन दिन में 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा.।
यहां से उत्पादित बिजली जिले के छैगांवमाखन ग्रिड तक बिजली पहुंचाई जाएगी. जहां से प्रदेश के जिन स्थानों पर जरुरत होगी वहां इस प्लांट से बनने वाली बिजली दी जाएगी। बताया जा रहा की पहले ट्रांसफार्मर का ट्रायल हो चुका है। दूसरे ट्रांसफार्मर की टेस्टिंग भी पूरी कर ली है. इससे आने वाले दिनों में चार्ज किया जाएगा. तीसरे ट्रांसफार्मर को भी स्थापित किया जा रहा है. इस महीने के आखिर तक यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा।. प्रदेश को सोलर पावर से बिजली मिलना शुरू हो जाएंगी.
एशिया का सबसे बड़ा पानी पर तैरता सोलर पावर प्लांट…नर्मदा घाटी के पर्मदा पर आकार ले गये ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में खडा किया गया है।निर्माणाधीन पानी पर तैरते सोलर पावर प्लांट की बिजली लाइन ट्रायल पूरा हो गया है। यहां 100 मेगावाट क्षमता का पहला ट्रांसफार्मर चार्ज होने के बाद काम करने लगा है.।
परियोजना का पहला चरण 278 मेगावॉट क्षमता का है. इसका काम फरवरी 2024 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। ये परियोजना मध्य प्रदेश की पहली तो है ही, साथ में देश और विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं में से एक होगी. खास बात यह है कि अब तक जमीन पर सौर परियोजनाएं विकसित होती थीं. लेकिन, प्रदेश सरकार और आरयूएमएसएल नवाचार कर पानी पर भी सौर परियोजना विकसित कर रहे हैं. यहां से बनने वाली कुल 600 मेगावाट बिजली राज्य शासन की पावर कंपनी खरीदेगी.