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ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर स्थित सोलर पावर प्लांट की प्लेटें आंधी में छिन्न भिन्न

मयंक शर्मा

खंडवा, ९ अप्रैल ;अभी तक;  मंगलवार को  जिले के देशगांव,  पुनासा सहित अन्य कुछ क्षेत्रों में तेज हवाएं चली। शाम करीब छह बजे तेज हवाएं चलीं। ं ओंकारेश्वर में बेमौसम बारिश ने तांडव मचाया। इस माह सोलर प्लांट सेबिजली उत्पादन भी शुरू होना है लेकिन  तूफानी मौसम  से प्लांट का कार्य प्रभावित होने से बिजली उत्पादन पिछड़ने की आशंका है। ऊर्जा विकास निगम के जिला अक्षय अधिकारी राजेंद्र गोयल ने बताया कि तेज हवा और लहरों से इंधावड़ी में निर्माणाधीन सोलर प्लांट के पैनल प्रभावित होने की सूचना है। इसमें किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है
ओंकारेश्वर में तेज आंधी के साथ बारिश से नर्मदा की नहरो मे स्थापित सोलर प्लांट के पैनल तक उड ्रगये। फसलों व आर्थिक नुकसान अत्यधिक हुआ है।
पुनासा एसडीएम बंजरंग बहादुर ने बताया कि कई पेड़-पौधे गिर गए। घरों पर लगी टीन की छतें हवा आंधी में उड़ती नजर आई। मौसम वैज्ञानिक डा. गुप्ता के अनुसार बुधवार को भी इस तरह की स्थिति बन सकती है। 15 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की संभावना  जताई है।
ओंकारेश्वर, मोरटक्का में तथा ग्राम कोठी व आसपास मंगलवार को  जमकर आंधी तूफान के साथ बारिश हुई।करीब 10 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे है। खालवा के कई हिस्सों में शाम को तेज हवा के साथ वर्षा हुई। आंधी और बैकवाटर की लहरों के कारण इंधावड़ी स्थित एनएचडीसी के 90 मेगावाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर प्लांट की प्लेट व पैनल उड़ गए। यहां काम कर रहे कर्मचारी हवा-आंधी के बीच अपनी जान बचाकर इधर.उधर भागते नजर आए। विदित हो कि ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में तीन स्थानों पर 300 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट आकार ले रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिक डा.सौरभ गुप्ता ने कहा कि क्षेत्र के  हिस्सों में करीब 15 से 20 मिनट हल्की बारिश हुई। वहीं
सुबह से आसमान में बादलों का डेरा छाया रहा। दोपहर 12 बजे तक हवाएं चली। इसके बाद कुछ देर के लिए धूप निकली। दोपहर में उमस का अहसास हुआ। दोपहर बाद आसमान में छाए बादलों ने ओंकारेश्वर, खालवा सहित पड़ोसी जिले खरगोन और हरदा से लगे खंडवा के हिस्सों में अपना असर दिखाना शुरू किया।
। जिले के आशापुर, मदरानी, खुर्द कालाआम, मीरपुर, हीरापुर में एक घंटे तेज हवा और आंधी चली। पेड़ गिर गए। बिजली के पोल भी तिरछे हो गए। कच्चे घरों के टीन और कवेलू उड़ने से किसानों की रखी उपज को भी नुकसान हुआ है।

 

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