प्रदेश
कांग्रेस के मनाया 138 वा स्थापना दिवस, शाल श्रीफल से किया वरिष्ठजनों का सम्मान
मयंक शर्मा
खण्डवा २८ दिसंबर ;अभी तक; कांग्रेस का 138 वां स्थापना दिवस 28 दिसंबर गुरुवार को पूरे देश के साथ ही कांग्रेस कार्यलय गांधी भवन खंडवा में भी धूमधाम से मनाया गया। कांग्रेस कार्यलय में आयोजित कांग्रेस स्थापना दिवस पर अतितिथियो ने कांग्रेस का ध्वजवंदन किया गया। वंदेमातरम, विजय गीत और राष्ट्रगान जन-गण-मन का गायन हुआ। कांग्रेसजनों और कांग्रेस सेवादल के सिपाहियों को कांग्रेस की रीति-नीति और सिद्धांतों पर चलने की प्रतिज्ञा दिलायी गई। सभी कांग्रेसजनों लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर चर्चा की एवं एकजुटता के साथ चुनाव में कार्य कर पार्टी को जिताने का संकल्प लिया।
जिला कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमांशु जैन ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को देशभर में 138 वां स्थापना दिवस मनाया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का ये आयोजन संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसजनों का सम्मान किया गया जिसमें पूर्व विधायक राजनारायण सिंह,प्रफुल्ल जैन पंधाना,रूपचंद आर्य,जगदीशचंद्र चौरे,देवेंद्र जैन का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मुनीश मिश्रा ने बताया कि साल 1885, 28 दिसंबर के दिन मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज मैदान में देश के विभिन्न प्रांत के राजनीति और सामाजिक विचारधारा के लोग एक साथ एक मंच पर इकट्ठा हुए थे. ये राजनीतिक एकता एक संगठन के रूप में बदल गई जिसका नाम कांग्रेस रखा गया बता दें, कांग्रेस पार्टी के पहले अध्यक्ष डब्ल्यू.सी.बनर्जी बने।
पूर्व विधायक राजनारायण सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब तक देश को 7 प्रधानमंत्री दे चुकी है. इनमें साल1947 से 1964 जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री के पद पर रहे. साल 1964 से 1966 तक लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री पद पर रहे. इंदिरा गांधी साल 1966 से 1977 प्रधानमंत्री पद पर रहीं. इनके बाद साल 1984 से 1989 तक राजीव गांधी प्रधानमंत्री पद पर रहे. पीवी नरसिम्हा राव साल 1991 से 1996 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे और आखिर में मनमोहन सिंह साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
प्रफुल्ल जैन पंधाना ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की एक प्रमुख पहली राजनीतिक पार्टी हैं, जो भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में अग्रणी थी। इसकी स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को 72 व्यक्तियों द्वारा हुई व इसकी स्थापना में, ए ओ ह्यूम (एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा ने अहम भूमिका निभाई। भारत की आज़ादी तक, कांग्रेस सबसे बड़ी और प्रमुख भारतीय जन संस्था मानी जाती थी, जिसका स्वतन्त्रता आन्दोलन में केन्द्रीय और निर्णायक प्रभाव था।