प्रदेश
खंडवा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल का कटाक्ष, कांग्रेस को नहीं मिल रहा बलि का बकरा
मयंक शर्मा
खंडवा ३ अप्रैल ;अभी तक; खंडवा लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कांग्रेस को कोई भी बलि का बकरा नहीं मिल रहा है.। कोई भी कांग्रेस नेता बलि का बकरा नहीं बनना चाहता.
बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है तो वहीं, अभी तक कांग्रेस अपना प्रत्याशी का ही चयन नहीं कर पाई है. ।इसको लेकर ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस पर तंज कसा है.। पाटिल ने कहा कि दरअसल, कांग्रेस नेता यहां से चुनाव लड़ने से कतरा रहे हैं. न स्थानीय प्रत्याशी मिल रहा और न बाहरी. कांग्रेस संगठन का अता-पता है। 2024 में. बीजेपी फिर भारी मतों से जीतेगी.
बुधवार को ं होली मिलन समारोह में सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस पर जुबानी तंज कसा है. उनका कहना है कांग्रेस में हर व्यक्ति सोच रहा है कि बलि का बकरा किसको बनाए, लेकिन उनको बलि का बकरा नहीं मिल रहा है.। इससे वे अपना प्रत्याशी ही तय नहीं कर पा रहे हैं.।
ं, विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी ने पलटवार करते हुए कहा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा ये बयान देना गलत है. ।कांग्रेस से चार से पांच उम्मीदवार हैं, इसमें कोई बलि के बकरे नहीं है. रहा सवाल अरुण यादव का तो वे स्व. नंदकुमार सिंह चैहान की टक्कर के हैं.। अरुण यादव के सामने ज्ञानेश्वर पाटिल कहीं नहीं टिकते।
ज्ञातच्य है कि खंडवा बुरहानपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. जहां करीब 20 लाख वोटर हैं. इसके अलावा खंडवा लोकसभा क्षेत्र चार जिलों की सीमाओं को समेटे हुए हैं, जिसमें बीजेपी विधायकों का प्रभुत्व बना हुआ है. इस संसदीय क्षेत्र में खंडवा जिले से खंडवा, पंधाना और मांधाता विधानसभा सीटे आती हैं, जहां बीजेपी के विधायक हैं. वहीं, देवास जिले की बागली विधानसभा सीट भी भाजपा की झोली में है. इसके साथ ही बुरहानपुर जिले की नेपानगर और बुरहानपुर विधानसभा में भी भाजपा का ही कब्जा है. खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा सीट पर भी बीजेपी का कब्जा है.। इस जिलेकही भीकनगाव सीठ तरूर कांग्रेस के कब्जे मे है।
ं, विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी ने पलटवार करते हुए कहा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल द्वारा ये बयान देना गलत है. ।कांग्रेस से चार से पांच उम्मीदवार हैं, इसमें कोई बलि के बकरे नहीं है. रहा सवाल अरुण यादव का तो वे स्व. नंदकुमार सिंह चैहान की टक्कर के हैं.। अरुण यादव के सामने ज्ञानेश्वर पाटिल कहीं नहीं टिकते।
ज्ञातच्य है कि खंडवा बुरहानपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. जहां करीब 20 लाख वोटर हैं. इसके अलावा खंडवा लोकसभा क्षेत्र चार जिलों की सीमाओं को समेटे हुए हैं, जिसमें बीजेपी विधायकों का प्रभुत्व बना हुआ है. इस संसदीय क्षेत्र में खंडवा जिले से खंडवा, पंधाना और मांधाता विधानसभा सीटे आती हैं, जहां बीजेपी के विधायक हैं. वहीं, देवास जिले की बागली विधानसभा सीट भी भाजपा की झोली में है. इसके साथ ही बुरहानपुर जिले की नेपानगर और बुरहानपुर विधानसभा में भी भाजपा का ही कब्जा है. खरगोन जिले की बड़वाह विधानसभा सीट पर भी बीजेपी का कब्जा है.। इस जिलेकही भीकनगाव सीठ तरूर कांग्रेस के कब्जे मे है।