प्रदेश
छलक रही चंबल, बिलख रहा किसान, कंपनी बेपरवाह, जल संसाधन सब चंगा से
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर ९ नवंबर ;अभी तक ; कोटड़ा बुजुर्ग।चंबल में इस वर्ष 1312 फीट पूरा पानी भरा हुआ है और ऊपर से छलक रहा है, किंतु हजारों करोड़ रुपए की योजना जो किसानों के खेतों तक मां चंबल पानी पहुंचाने की बनी थी वह भ्रष्टाचार और की भेंट चढ़ गई और सिर्फ और सिर्फ पाइप लाइन में चारों तरफ लीकेज ही लीकेज दिखाई दे रहे हैं, किसान बेबसी से खाली पाइपलाइन की ओर निहार रहा है।
क्योंकि यह देखने में आया है कि कंपनी ने अलग-अलग गांव में अलग-अलग ठेकेदारों को लाइन डालने का ठेका दे दिया था तो उन्होंने अपना अपना काम जैसे तैसे करके अपने पैसे लेकर अपने घर गए उन्होंने कहीं-कहीं तो एक से डेढ़ फीट की गहरी लाइन डाली किसने की खेती के समय वह बाहर आ गए अधिकांश लाइन में टूट-फूट गईं और आप कंपनी के अधिकारी माथा पीट रहे हैं उनको ढूंढ रहे हैं पर कोई दिखाई नहीं दे रहे क्योंकि जवाबदारी कंपनी की है इसलिए कंपनी कारिंदे किसानों पर खीझ निकाल रहे हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी सिर्फ एसी में बैठकर किसानों की खुशहाली के गुण गा रहे है।
कलेक्टर को चाहिए कि तत्काल किसानों को राहत देने के लिए कंपनी और जल संसाधन विभाग किसानों को इस योजना का लाभ मिले इसके लिए उचित आदेश निर्देश जारी करें।
कई किसानों को अभी तक नहीं मिला मुआवजा ,,,
छोटे ठेकेदारों ने अपनी मनमर्जी से जहां उन्हें सुविधा लगी उसी ढंग से पाइपलाइन डाल दी और जो 400 या 600 एमएम की लाइन लगभग चार-पांच फीट गहरी पढ़ना थी वह दो से तीन फीट गहरी ही डाली गई कहीं तो 1 फीट भी गहरी नहीं है और किसानों के खेतों के बीच लाइन निकाल दी गई किसानों में विरोध किया तो उन्हें मुआवजा देने का आश्वासन दिया था जो आज तक आकाश कुसुम है अब न्यायालय में जाने के लिए किसान संगठित हो रहे हैं ।
इनका कहना,,,
गत वर्ष हमारे यहां लाइन तो डाल दी गई है किंतु एक बाल्टी पानी भी पूरे साल में हमारे खेत में नहीं पहुंचा।
तुलसीराम प्रजापति
किसान
हमारे यहां पानी नहीं पहुंच रहा कभी-कभी पतली सी धार एक नल जितना पानी आता है उसमें खेती नहीं की जा सकती।
अमरसिंह भील
किसान
नियमों के विरुद्ध जाकर के मेरे खेत के बीचों-बीच पाइपलाइन वॉल भी मेरे खेत में लगाया और मेरे माता-पिता की समाधि को भी तोड़फोड़ कर दी जो आज तक नहीं बनाई उसमें आश्वासन दिया था की समाधि हम बना देंगे और पूरा मुआवजा भी अभी तक नहीं दिया
तुलसीराम प्रजापति
किसान
हमारे यहां पानी नहीं पहुंच रहा कभी-कभी पतली सी धार एक नल जितना पानी आता है उसमें खेती नहीं की जा सकती।
अमरसिंह भील
किसान
नियमों के विरुद्ध जाकर के मेरे खेत के बीचों-बीच पाइपलाइन वॉल भी मेरे खेत में लगाया और मेरे माता-पिता की समाधि को भी तोड़फोड़ कर दी जो आज तक नहीं बनाई उसमें आश्वासन दिया था की समाधि हम बना देंगे और पूरा मुआवजा भी अभी तक नहीं दिया