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जिला  कलेक्टर और स्थानीय बीजेपी विधायक टीकमगढ़ नगर की उन्नति और विकास के लिए बाधक; यादवेन्द्र सिंह

पुष्पेंद्र सिंह
टीकमगढ़ 1अप्रैल ‘अभी तक ‘मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यादवेन्द्र सिंह ने  कहा है कि जिला  कलेक्टर सुभाष  कुमार द्विवेदी और स्थानीय बीजेपी विधायक राकेश गिरी टीकमगढ़ नगर की उन्नति और विकास के लिए बाधक साबित हो रहे हैं।
                                   कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि विधायक के इशारे पर जिलाध्यक्ष द्विवेदी आवश्यक कार्यों में अनावश्यक रूप से अवरोध और दखल देकर स्थानीय नगरपालिका द्वारा शुरू किये जा रहे  जनहित के काम में रुकावट पैदा कर रहे हैं।  उन्होंने कहा उनकी मंशा है कि नपा शहर में विकास कार्य न कर सके जिससे एक तरफ नगरीय स्तर के विकास कार्य नहीं हो पाएंगेऔर दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की छवि ख़राब होगी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं होने देंगे इसलिए पूर्व मंत्री सिंह ने सारे तथ्यों के साथ जनता के समक्ष एक विज्ञप्ति जारी की है!
                               विज्ञप्ति में कहा गया है कि टीकमगढ़ नपा में गीता मांझी द्वारा सीएमओ का चार्ज लेने के बाद जैसे ही उन्होंने जनहित के कार्य करने चाहे,  कलेक्टर सुभाष द्विवेदी ने उन्हें वहाँ से हटा कर जिला कार्यालय में अटैच कर दिया और सीएमओ का प्रभार चंद्रप्रकाश पटेल (एसडीएम )क़ो दे दिया जबकि उन महिला अधिकारी क़ो अपना पद भार संभाले महीना भर भी नहीं हुआ था यद्यपि अपने साथ हुई प्रशासनिक ज़्यादती क़ो लेकर वे उच्च न्यायालय गयीं और उन्हें वहाँ से  न्याय मिला!
                              कांग्रेस नेता ने कहा जिस तरह से स्थानीय बीजेपी विधायक द्वारा,  प्रशासनिक व्यवस्था का आधिकारिक प्रयोग करके, गुजरे 29 मार्च क़ो परिषद का सम्मेलन (बैठक )रोकने का प्रयास किया गया वह प्रजातंत्र के लिए घातक है!सिंह ने कहा कि इस सम्बन्ध में वह प्रशासन के उन तमाम पत्रों क़ो स्थानीय जनता और राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविन्द सिंह एवं कांग्रेस नेता कमलनाथ के समक्ष भी प्रेषित करेंगे!उन्होंने कहा कि जिले में चार साल का कार्यकाल बिताने वाले अधिकारियों की जानकारी निर्वाचन आयोग क़ो भेजेंगे,.
                             प्रेस नोट में पूर्व मंत्री ने नपा अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार के हवाले से कहा कि पिछले वर्ष प्रशासक के कार्यकाल के समय परिषद के वाहनों में डीजल की आपूर्ति में जमकर भ्रष्टाचार किया गया उन्होंने कहा कि उस समय भ्रष्टाचार का आलम था की वाहन का डीज़ल टैंक 26लीटर क्षमता का है लेकिन नपा के रिकार्ड में उसी वाहन में 30लीटर (फुल टैंक )के अनुपात से भुगतान किया जाता रहा परिषद में दर्जनों वाहन हैं, गड़बड़ी का अंदाजा लगाया जा सकता है!अब कांग्रेस के चेयरमेन अब्दुल गफ्फार के परिषद का कामकाज सँभालने के बाद यह तथ्य सामने आया कि  उन्हीं वाहनों के डीज़ल भुगतान के बाद अब नपा के लाखों रूपये बच रहे है!!स्थानीय तमाम लोगों का मानना है कि गफ्फार की कार्य शैली के चलते नगरपालिका में व्याप्त कथित भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है!

 

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