प्रदेश
डिप्टी कलेक्टर को पसंद नहीं ऊंची आवाज, ग्रामीण को भेजा जेल
मयंक शर्मा
खंडवा १० अप्रैल ;अभी तक; कलेक्टर की समीक्षा के अगले दिन मंगलवार को पेयजल समस्याओं को लेकर डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी जपं सीइओ खंडवा निकिता मंडलोई जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर के ग्राम जसवाड़ी पंचायत पहुंची।
निरीक्षण के दौरान गांव का ही देवी सिंह पिता गोपाल कुशवाह ने डिप्टी कलेक्टर से अपनी समस्या बताई। देवी सिंह ने डिप्टी कलेक्टर से अपनी बात दोबारा रखा तो मैडम भड़क गईं। और उसे बार-बार दखल नहीं देने की चेतावनी भी दी गई। देवी सिंह अपनी बात डिप्टी कलेक्टर तक पहुंचाने के लिए जोर-जोर से शोर मचाया तो डिप्टी कलेक्टर को गुस्सा आ गया। उन्होंने देवी सिंह पर अपशब्दों के प्रयोग का आरोप लगाते हुए राम नगर पुलिस चैकी प्रभारी को बुलाकर धारा-151 के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिए। पुलिस ने हिरासत में एसडीएम खंडवा के समस्या पेश किया और उसे जेल भेज दिया।
मामले में अपर कलेक्टर के आर बडोले ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है, यदि ऐसा है तो जांच कराएंगे। सीईओं के निरीक्षण में उन्हे आंगनबाड़ी केंद्र -3 की छत से पानी रिसता है। बाहरी दीवार आंशिक रूप क्षतिग्रस्त मिली। टॉयलेट का सेप्टिक टैंक अनुपयोगी मिला। मामले में सचिव को फटकार लगाते हुए ठीक कराने को कहा है। उन्होंने उपयंत्री को नोटिस जारी करने कहा है। एक आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली कनेक्शन का मीटर क्षतिग्रस्त मिला। ठीक करवाया गया। कार्यकर्ता के बताने पर 2 माह से स्टार्टर खराब होने से स्कूल व आंगनबाड़ी में पानी की समस्या आ रही है। संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए गए।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जनता से ऊंची आवाज में बोलने शाजापुर कलेक्टर को सस्पेंड कर दिया और कई अन्य अफसरों में तहसीलदार, एसडीएम को तत्काल हटा दिया है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री के इस संदेश से अफसर सबक नहीं ले रहे हे।। जी हां, खंडवा में डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी जप सीइओ निकिता मंडलोई को ऊंची आवाज पसंद नहीं है। तभी तो निरीक्षण के दौरान समस्या से परेशान एक ग्रामीण ने अपनी बात पहुंचाने तेज आवाज में बोला तो उन्होंने उसे पुलिस बुलाकर जेल भेज दिया। ऐसे में तो जनता अफसरों के सामने अपनी बात नहीं रख सकेंगे। इसको लेकर ग्रामीणों में असंतोष है।