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धोखाधड़ी के मामले में दो आरोपियों को सात साल का कठोर कारावास, आरोपी नरेश कुशवाहा फरार घोषित,

संतोष मालवीय
भोपाल २८ अप्रैल ;अभी तक; एक ही प्लाट को फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से दो लोगो को विक्रय करने के आरोप में शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश अमित रंजन समाधिया की अदालत ने लक्ष्मीपुरी हिनोतिया निवासी दो आरोपी मोहन सिंह कुशवाहा और अन्नू खान को सात सात साल के कठोर कारावास के साथ चौबीस हजार रुपये के जुर्माना से दण्डित किया है। अदालत ने दोनो आरोपियों को भादस की धारा 467,468 व 34 के आरोप में दोषी ठहराते हुए उक्त सजा से दण्डित किया है। वही आरोपी नरेश कुशवाहा पुत्र मदन लाल कुशवाहा को फरार घोषित कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अधिकारी सतीश सीमैया ने पैरवी की।
                                अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना अशोका गार्डन थाना स्थित लक्ष्मीपुरी हिनोतिया भोपाल की है। फरियादी अशोक परिहार ने आरोपियों के खिलाफ थाना अशोका गार्डन में 22 अक्टूबर 2013 को एक लिखित शिकायत की थी कि उसने 15 मार्च 2004 को आरोपी मोहन सिंह कुशवाहा पुत्र स्व नारायण कुशवाहा से हिनोतिया में प्लाट क्रमांक 124, छह सौ वर्गफीट का क्रय किया था जिसके ऊपर फरियादी का कब्जा था और वह आए दिन अपने प्लाट पर आते जाते रहता था। कुछ पारिवारिक कारणों की वजह से फरियादी एक साल बाद अप्रैल 2013 को अपने प्लाट पर गया तो उसने देखा कि किसी और व्यक्ति ने उसके प्लाट पर कब्जा कर लिया है और प्लाट पर मौजूद कुछ लोगो ने उसे प्लाट पर से भगा दिया और धमकी दी कि आइंदा इस प्लाट पर कभी न आना अन्यथा ठीक नहीं होगा।
                           तब फरियादी ने इसकी लिखित शिकायत थाना अशोका गार्डन में 9 मई 2013 को की थी लेकिन आरोपियों की थाने में सांठगांठ होने के कारण उसकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई थी। उसके बाद फरियादी ने घटना की शिकायत सीएम हेल्पलाइन नंबर पर की थी। सीएम हेल्पलाइन के हस्तक्षेप पर मामले की जांच का जिम्मा उपनिरीक्षक संतोष कुमार दुबे को सौंपा गया था। उपनिरीक्षक श्री दुबे ने मामले की विवेचना की तो तीनों आरोपियों की इस फर्जीवाड़े में भूमिका सामने आई थी। पुलिस ने जांच में आरोपियों के पास से प्लाट के कुछ कूटरचित दस्तावेज बरामद कर तीनो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया था। प्रकरण में आई साक्ष्य और गवाही को ध्यान में रखते हुए अदालत ने दोनो आरोपियों को उक्त सजा के साथ जुर्माने से दण्डित किया है। वही एक आरोपी को फरार घोषित किया गया।

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