नव रात्रि का अर्थ है अपने भीतर की बुराईयों को खतम करनाः- ब्रह्माकुमारी बहन जी
दीपक शर्मा
पन्ना ९ अक्टूबर ;अभी तक ; देवेंद्र नगर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, पन्ना की ओर से चैतन्य देवियों की भव्य झांकी लगाई गई।
इस अवसर पर बहनजी ने उपस्थित जनसमूह को देवियों के आध्यात्मिक रहस्य से अवगत कराते हुए बताया कि मां दुर्गा का तात्पर्य दुर्गुणों को दूर करने वाली शक्ति से है। देवियों के व्रत के साथ हमें मन से दुर्गुणों को त्यागने का संकल्प लेना चाहिए। मां लक्ष्मी वह हैं, जिसमें महान लक्ष्य होते हैं। इसलिए यह कहा जाता है कि “नर ऐसी करनी करे जो नारायण बन जाए, और नारी ऐसी करनी करे जो लक्ष्मी के समान पूजी जाए।“ हमें अपने जीवन में यह लक्ष्य रखना चाहिए कि संसार रूपी कीचड़ में रहते हुए भी कमल की तरह बुराइयों और गलत संस्कारों से मुक्त रहें। मां सरस्वती को हंस पर विराजमान, हाथ में वीणा लिए और धवल वस्त्रों में दिखाया गया है। इसका आध्यात्मिक अर्थ यह है कि कलियुग के अंत में जो आत्मा सादगी और पवित्रता का धवल वस्त्र धारण करती है और जिसके मन एवं मुख से सदा ज्ञान रूपी वीणा झंकृत होती रहती है, वही हंस के समान नीर-क्षीर विवेक कर दुर्गुणों से दूर रह पाती है। नवरात्रि का अर्थ है रात्रि अर्थात् अज्ञान, अंधकार, बुराइयों और आसुरीयता का समय। नवरात्रि का उद्देश्य है अपने भीतर घर कर चुकी बुराइयों को नव संकल्पों के साथ दूर कर जीवन में दिव्यता और पवित्रता का आह्वान करना। जागरण का अर्थ है अपनी शक्तियों का जागरण करना। देवियों को आदिशक्ति और शिव शक्ति भी कहा जाता है। कालांतर में इन शक्तियों ने शिव से योग बल द्वारा शक्ति प्राप्त की थी, इसलिए इन्हें शिव शक्ति कहा जाता है। जब संसार में अज्ञानता की रात्रि छा जाती है, तब परमात्मा आत्मा की शक्तियों को जागृत कर अंधकार को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। वर्तमान समय में यही परिवर्तन का काल चल रहा है। परमात्मा धरती पर आकर आत्माओं की शक्तियों को पुनः जागृत करने की शिक्षा दे रहे हैं।
बहनजी ने आगे कहा कि हमारे समाज में नारी को देवी का रूप माना जाता है, लेकिन आज समाज एक ओर नवरात्रि के रूप में देवियों की पूजा करता है और दूसरी ओर देवियों के वास्तविक स्वरूप दृ नारियों का अपमान करता है। भारत की परंपराओं में नारी का स्थान सर्वोच्च है। नवरात्रि का वास्तविक अर्थ है कि केवल नौ दिनों तक नहीं, बल्कि सदा नारी शक्ति का सम्मान करना चाहिए। हम जितना सम्मान नौ देवियों को देते हैं, उतना ही हमें अपनी माताओं-बहनों का भी सम्मान करना चाहिए। तभी देवी मां प्रसन्न होकर हमें अपने आशीर्वादों से मालामाल करेंगी। कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवांगी गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने चैतन्य देवियों की झांकी की भूरि-भूरि सराहना की।