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नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को बीस वर्ष का कठोर कारावास

दीपक शर्मा

पन्ना २४ मई ;अभी तक; विशेष न्यायधीश इन्द्रजीत रघुवंशी की न्यायालय द्वारा नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को बीस वर्ष की सजा से दण्डित किया गया है।

मामले के संबंध में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी पन्ना के मीडीया प्रभारी ऋषिकांत द्विवेदी ने बताया कि अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनांक 11.06.2021 को जिला चिकित्सालय पन्ना में अभियोक्त्री के बताए अनुसार उपनिरीक्षक सोनम शर्मा ने इस आशय की देहाती नालसी लेख किया कि दिनांक 18.03.2021 को उसके मम्मी पापा ईंटें बनाने चले गए थे, वह घर पर अकेली थी शाम लगभग चार बजे वह अपने खेत पर बकरी के लिए हरियाली लेने गई थी तभी वहां मनोज प्रजापति आया और उससे जबरदस्ती करने लगा और उसकी मर्जी के बिना उसके साथ गलत काम किया। उसने कहा कि वह घर में सबको बता देगी तो मनोज ने उसे जान से मारने की धमकी दी, इसलिए वह डर गई और डर की वजह से घर में किसी को कुछ भी नहीं बताया। जब उसके पेट में दर्द हुआ तो उसकी मम्मी उसे लेकर जिला अस्पताल पन्ना आई और उन्हें पता चला कि उसके पेट में बच्चा है तब उसने अपनी मम्मी को सारी बात बतायी, .

उक्त देहाती नालसी के आधार पर थाना बृजपुर में अभियुक्त के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।  विवेचना के दौरान सुसंगत साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। घटना स्थल का नक्शामौका तैयार किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया।

अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय इन्द्रजीत रघुवंशी विशेष न्यायाधीश(पाक्सो) एक्ट की न्यायालय द्वारा आरोपी – मनोज प्रजापति को धारा 5जे(पप)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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