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नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी सौतेले पिता को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

दीपक शर्मा

पन्ना ९ जनवरी ;अभी तक; सौतेले पिता द्वारा अपनी ही बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। उक्त मामले मे द्वितीय अपर सत्र न्यायधीश माननीय महेन्द्र मंगोदिया की न्यायालय द्वारा आरोपी को दोहरे अजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया हैं।

घटना के संबंध मे सहयाक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी के बताये अनुसार घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि, दिनाक 04.07.2023 को फरियादिया ने अपनी मां के साथ थाना उपस्थित आकर जुबानी रिपोर्ट किया कि मै जब बहुत छोटी थी तब मेरे पिता की मृत्यु हो गयी थी उसके बाद मेरी मां की शादी रामदीन चौधरी से हुयी थी। मैं और मेरा भाई मेरे पहले पिता की संतान है मै और मेरा भाई अपनी मां के साथ रहते थे। मेरी मां और पिता रामदीन चौधरी दिल्ली मजदूरी करने चले गये थे और मुझे दादा के बूढ़े होने से उनकी देखरेख करने के लिये गांव में ही छोड़ गये थे दिनांक 26.06.2023 को मेरी चाची खत्म हो गई थी तो दिनांक 27.06.2023 को पिता दिल्ली से आ गये थे मां दिल्ली में ही थी, दिनांक 03.07.2023 को रात को खाना पीना कर मैं कमरे के अंदर किवाड लगाकर सो गई थी। उसी दौरान मेरे सौतेले पिता द्वारा जबरजस्ती दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था तथा जब मेरी मॉ दिल्ली से आई तो थाना मे पंहुचकर आरोपी सोतेले पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किये गये। आरोपी रामदीन चौधरी के विरूद्ध अपराध सिद्ध पाये जाने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए उक्त अपराध को शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप मे चिन्हित किया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना मेघा मिश्रा (उप निरीक्षक) द्वारा की गयी। माननीय न्यायालय श्रीमान महेन्द्र मंगोदिया, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पन्ना के न्यायालय मे प्रकरण का विचारण हुआ। शासन की ओर से पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी संदीप कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक/वरिष्ठ सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी दिनेश खरे द्वारा की गयी। अभियोजन द्वारा साक्ष्य को क्रमबद्ध तरीके से लेखबद्ध कराकर न्यायालय के समक्ष आरोपी रामदीन चौधरी के विरूद्ध अपराध को संदेह से परे प्रमाणित किया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीरतम श्रेणी का मानते हुये कठोर से कठोरतम दंड से दंडित किया जाने का अनुरोध किया। अभिलेख पर आई साक्ष्य और अभियोजन के तर्को एवं न्यायिक दृष्टांतो से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय श्रीमान महेन्द्र मंगोदिया द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश पन्ना की न्यायालय द्वारा आरोपी- रामदीन चौधरी को धारा- 376(2)(एफ) भादसं. में आजीवन कारावास व 100 रूपए का अर्थदण्ड एवं धारा 376(2)(एन) भादसं. में आजीवन कारावास व 100 रूपए का अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

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