प्रदेश

प्रसव के दौरान 17 वर्षीय बैगा आदिवासी प्रसूता ने तोड़ा दम, जानकारी के बाद भी नही पहुंची थी एएनएम*

आनंद ताम्रकार
लांजी १० अक्टूबर ;अभी तक ;   आदिवासी वनांचलो में निवासरत विशेष जनजाति बैगा के उत्थान और उनके जीवन निर्वाह के लिए मध्य प्रदेश शासन प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिनके बल पर सरकार बैगाओं का उत्थान किए जाने का दावा करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दरअसल, बैगाओं के उत्थान के लिए जो योजनाएं शासन प्रशासन द्वारा चलाई जा रही हैं उनमें से कई ऐसी योजना है जिनका लाभ बैगा जनजाति के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। जिसके कारण बैगा जनजाति के लोग आज भी बदहाल जिंदगी जीने मजबूर हैं।
                                   वही बालाघाट जिले के तहसील लांजी के ग्राम पंचायत लोडामा अंतर्गत ग्राम मुंडीदादर में 9 अक्टूबर को एक प्रसूता महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई। मृतका ने नवजात शिशु को जन्म दिया जो कि स्वस्थ बताया गया। प्रसूता महिला विशेष संरक्षित बैगा आदिवासी थी। जानकारी अनुसार मृतक प्रसूता महिला सुरतिया पति राजू मरकाम 17 वर्ष निवासी ग्राम पंचायत लोडामा के ग्राम मुंडीदादर की है जहां 9 अक्टूबर को 12 बजे अपने ही घर पर प्रसव के दौरान लगभग 1 बजे प्रसूता की मौत हो गई जिसने एक पुत्री को जन्म दिया जो स्वस्थ अवस्था में है।
*स्वास्थ विभाग की लापरवाही उजागर*
                              इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की भी कुछ लापरवाही सामने आई है क्योंकि 9 माह से महिला गर्भवती थी जिसे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा एएनएम द्वारा उस महिला को 9 माह में एक बार भी क्यों चेकअप नहीं किया गया । जबकि मध्य प्रदेश शासन ने गर्भवती महिलाओं को तकलीफ ना हो इसलिए सभी ग्रामों में इन्हें चयनित किया है । और इन्हें ग्राम के जिस परिवार में गर्भवती महिला नवजात शिशु, कुपोषित बच्चे या बीमार हो उनके घरों का दौरा प्राथमिकता से करने की जिम्मेदारी दी गई है एवं घरों का दौरा करते समय एएनएम की भूमिका यह होती है कि आशा कार्यकर्ता के साथ जाकर गर्भवती महिला की समय-समय पर जांच की जाए परंतु इस मामले में सीएचओ अल्का गोंदूडे से पूछा गया तो उनके द्वारा गोल-मोल जवाब दिया गया।
*जमीन पर लेटी मिली नवजात बालिका*
                                   वही इस मामले की जानकारी जब मीडिया को मिली तब वह मौका स्थल पर पहुंची तो मृतक प्रसूता के घर पर कोई भी जिम्मेदार उपस्थित नहीं था और देखा गया कि प्रसूता के मृत शरीर के सामने नीचे जमीन पर नवजात बालिका को लिटा दिया गया था ।तथा उस नवजात शिशु को 9 अक्टूबर की शाम से दूध नहीं पिलाया गया था जब मीडियाकर्मी द्वारा इस बात पर आपत्ति व्यक्त करते हुए तब 10 अक्तूबर को सीएचओ अल्का गोंदुडे पहुंची और नवजात शिशु को डिब्बे का दूध पिलाया गया।  यह घटना 9 अक्टूबर को होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग से एएनएम मृतका प्रसूता के घर उसे देखने तक नहीं पहुंची, जब एएनएम से पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि मैं टीका लगाने में व्यस्त थी।
*17 वर्षीय मृतका का तीन वर्षीय पुत्र भी*
वहीं इस मामले में एक जानकारी यह भी सामने आई की मृतका प्रसूता महिला का 3 साल का एक पुत्र और भी है। जानकारी देते हुए सीएचओ ने बताया कि मृतक महिला का एक पुत्र पहलें से है और जब उनके पुत्र को टीके लगाने की बात पूछी गई तो सीएचओ मैडम के पास इस बात का भी कोई जवाब नही था।
मृतक प्रसूति महिला सुरतिया पति राजू मरकाम जिसकी उम्र 17 वर्ष है जो हमारे लक्ष्य दंपति में नहीं आ रही है और यह महिला इस ग्राम की निवासरत नहीं है और हमें जानकारी मिली कि यह महिला गर्भवती है तो हम अपनी टीम के साथ लगातार दो से चार बार उनके घर आए परंतु यह महिला घर पर नहीं मिली।
*अलका गांडूडे सी एच ओ ग्राम लोडामा*
ग्राम लोडामा में आदिवासी बैगा समुदाय की महिला के प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई और जिसने एक शिशु को जन्म दिया है जो स्वस्थ है। यह महिला बैगा विशेष जनजाति समाज से है और उनके लिए सरकार का एक विशेष पैकेज भी आता है। और सरकार इन्हीं के नाम से अपना वोट बैंक बनाती है वहीं इनकी जमीनी हकीकत देखी जाए तो शासन की सारी योजना सिर्फ कागज में ही दिखेगी। आदिवासी बैगा भाइयों को ना तो स्वास्थ्य की सुविधा मिल पा रही है और ना ही शिक्षा की। किसी प्रकार का कोई लाभ आदिवासी बैगा भाइयों को नहीं मिल पा रहा है। मृतिका के ढाई से तीन वर्ष के बच्चे को आज तक टीका नहीं लग पाया है यह बड़ी सोचने की बात है। जबकि नवजात बच्ची को कल से दूध नहीं पिलाया गया है तो उनके बुजुर्ग परिजन उस बच्ची की कैसे देखभाल कर पाएंगे।
*टुमन घोरमारे, जप सदस्य, सचिव आदिवासी समाज लांजी*
मुझे यह जानकारी नहीं है कि प्रसूता महिला सुरतिया मरकाम की मृत्यु कैसे हुई। यह बात गांव में फैलने के बाद मुझे पता चला जब मैं मृतिका प्रसूता महिला के घर पहुंची। मुझे पहले इन लोगों ने जानकारी नहीं दिया की सुरतिया गर्भवती है, मृतिका ने एक शिशु को जन्म दिया है जो स्वस्थ है और जिसे व्यवस्था नहीं होने के कारण जमीन पर चादर पर लेटा दिया गया है।
*रेणुका आचरे*
*आशा कार्यकर्ता लोडामा*

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