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प्राचीन होने के साथ विज्ञान की भाषा भी है संस्कृत- तेजकरण वर्मा

महावीर अग्रवाल 

मंदसौर ५ मई ;अभी तक;  संस्कृत हमारी प्राचीन भाषा है। यह केवल प्राचीन भाषा ही नहीं है वरन विज्ञान की भी भाषा है। हमारे प्राचीन गर्न्थाे में गणित, विज्ञान, रसायन चिकित्सा विमान शास्त्र इत्यादि वैज्ञानिक विषयो का लेखन कार्य सम्पन्न हुआ है लेकिन हम संस्कृत नहीं जानते। अतः हम संस्कृत को कर्मकांड अथवा पूजा पाठ की भाषा ही मानते है किन्तु हम संस्कृत को पढ़े तो हमारे गर्न्थाे में जो ज्ञान विज्ञान संग्रहित है उसे प्राप्त कर भारत की ज्ञान परम्परा का लाभ उठा सकते है। आपको जानकर प्रसन्ता होगी कि हमारे शास्त्र में विमान शास्त्र अर्थात वायुयान निर्माण का उल्लेख बहुत पहले ही हो चुका है। कम्प्यूटर भी संस्कृत भाषा मंे बने निर्देशो को ही पड़ता है अतः सभी को संस्कृत भी पढ़ना चाहिये।
                                         उक्त विचार संस्कृत भारती द्वारा चलाई जा रही आठ दिवसीय कार्यशाला में सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य तेजकरण वर्मा ने कही। कार्यक्रम में संस्कृत भारती के विभाग संयोजक गोवर्धन सोनगरा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में वर्ग पालक प्रवेश  वैष्णव, शिक्षक प्रमुख लोकेश महोदय, प्रबन्ध सदस्य राहुल भारते, दिलीप भाटी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ सपना  पोरवाल ने किया

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