प.पू. श्री उत्तम स्वामी जी के मुखारविंद से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुवा समापन
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २३ दिसंबर ;अभी तक; भानपुरा पीठाधीश्वर शंकरचार्य श्री ज्ञानानन्दजी तीर्थ व कई संतो के पावन सानिध्य में गर्ग (केडिया) व कबरा परिवार के द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा (ज्ञान गंगा महोत्सव) का शनिवार को समापन हुआ। यह कथा दिनाक 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक यह रुद्राक्ष माहेश्वरी धर्मशाला में आयोजित हो रही थी। समापन के अवसर पर कथा आयोजक परिवार रामगोपालजी प्रह्लाद, महेश काबरा सत्यनारायणजी हरिश, महेश, रम्मु गर्ग (केडिया) परिवार व श्री कुन्दनमलजी प्रह्लाद, ब्रह्मप्रकाश पियुष गर्ग (केडिया) परिवार की और से सात दिवस तक मन्दसौर नगर में भागवात कथा के माध्यम से ज्ञान व धर्म की गंगा प्रवाहित करने वाले महर्षि महामण्डलेश्वर श्री उत्तम स्वामीजी का शाल श्रीफल भेटकर सम्मान किया गया। इस अवसर पर नगर की कई संस्थाओं व समाजो ने भी शंकरचार्य व संत श्री का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार के सदस्यों व उत्तम स्वामीजी गुरू भक्त मण्डल के अध्यक्ष श्री तपनजी भौमिक का भी कई समाजो व संथाओं ने स्वागत अभिनंदन किया।
कथा समापन दिवस पर प.पू श्री उत्त्मस्वामीजी ने श्रीमत भागवत कथा के अंतिम दिवस श्रीमद् भागवत कथा में श्री कृष्ण रुकमणि विवाह के बाद की कथा श्रवण करायी और कृष्ण जी के पुरे परिवार का वृतान्त श्रवण कराया ।आपने श्रीकृष्ण जी के द्वारा कुरुक्षेत ही दिये गए भगवत गीता के संदेश का वृत्तान्त श्रवण कराते हुये कहा कि आज ही के दिन कुरुक्षेत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म की महत्ता बताई थी और कहा था कि मनुष्य को केवल कर्म पर ध्यान देगा चाहिये फल पर नही। मनुष्य केवल कर्म की चिन्ता करे फल की नही। जो जैसा कर्म करेगा उसे वैसा ही फल प्राप्त होगा। आज अगहन मास की अकादशी है इसी दिन श्रीकृष्ण ने भागवत गीता का संदेश दिया था। इसी कारण आज के दिन गीता जयंती महोत्सव मनाने की परम्परा है। भागवत गीता का भी इसी कथा पाण्डाल श्रीमद भगवत गीता के साथ पूजन करने का सबको अवसर मिला है मैं इसके लिए गर्ग (केडिया) व काबरा परिवार का धन्यवाद देता हुॅ जिन्होने इस विशिष्ठ प्रसंग पर भगवदगीता का भी पूजन किया है।
मित्र की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहे:- श्रीमद भागवत कथा हमे मित्रता निभाने का भी संदेश देती है। श्रीकृष्ण जी अपने दरिद्र मित्र सुदामा की सहायता की। उज्जैनी में विद्या अध्ययन साथ करने वाले कृष्ण व सुदामा की परिवारिक पृष्ठभूमि भिन्न थी श्रीकृष्णजी द्वारिकाधीश थे लेकिन उनका मित्र सुदामा दरिद्रता का जीवन निर्वहन कर रहा था सदैव आत्म संतोष का जीवन जीने वाले सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर द्वारिका जाने को निकले, मार्ग में कई कष्ट सहन कर जब वह द्वारिका पहुंचे तो श्रीकृष्ण ने ने उनका खूब आतिथ्य सत्कार किया। श्री कृष्ण की सभी रानियों ने सुदामा को बहुत मान सम्मान दिया। श्रीकृष्ण ने सुदामा के चरण धोये और उनके द्वारा लाये गये चावल भी भी खाए। और सुदामा के मान सम्मान को बड़ाने के लिये उनके पूरे परिवार की सहायता की। कृष्ण और सुदामा मित्रता का यह प्रसंग हमे प्ररेणा देता है कि हम अपने मित्र की उसके बुरे समय में उसके बुरे हाल पर नही छोडे जितना भी उसके अनुसार उसकी सहायता करे।
गौसेवा से बड़कर कोई सेवा नही:- संतश्री ने कथा समापन पर मंदसौर के गौभक्तो से आह्वान किया कि वे गौसेवा के कार्य में अग्रणी रहे। गौसेवा को नारायणसेवा बताते हुये आपने कहा कि गौमाता सड़को पर विचरण करे गन्दगी में बैठे और कुड़ा करकट खाये यह हमारे लिये शर्म की बात होना चाहिये। इसलिये गौमाता को सड़को पर विचरण करने के लिये मत छोडो। जो भी ऐसा करे उन्हें दण्डित करो। गौमाता का दूध निकालकर जो भी लोग सड़को पर छोड देते है उन पर एफआईआर होना चाहिये। गौ पालन के कार्य में यदि मंदसौर वासियों को सहयोग चाहिए तो हमारा गुरू भक्त मण्डल परिवार इस दिशा में सहयोग देगा। गौशालाएं समृद्ध हो इसके लिये धर्मालुओ को गौशाला मे ज्यादा से ज्यादा दान करना चाहिये। प्रतिदिन गौशाला जाये और अपने हाथो से गायो को आहार करायेगें तो इससे जो पूण्य मिलेगा वह अदभुत होगा। यदि घर में वास्तुदोष है तो वहां गौवंश जरूर रखे।
सामूहिक रूप से भोजन भजन करें:- आपने कहा कि संयुक्त परिवार की परम्पराये कम हो रही है। हमें अकेले में भोजन की बजाय पुरे परिवार के साथ बैठकर भोजन करना चाहिये। इसी प्रकार प्रतिदिन प्रभुजी का भजन भी करना चाहिये। सामहिक भोजन व भजन को अपनी दिनचर्या का अगं बनाये।
घर में गीता भागवत व रामायण जरूर राखे – संत श्री ने कहा कि घर मे टी.वी. मोबाईल रख सकते हो तो धार्मिक ग्रंथ रामायण, भागवतजी व गीता क्यों नही ? घर में इन तीनों ग्रंथों को रखे और दिन में एक बार जरूर उसका पाठ करें।
बासुरी की मधुर ध्वनि श्रवण करायी संत श्री ने – महामण्डलेश्वर उत्तमवामीजी उत्कृष्ठ बासुरी को बाजाने के उत्कृष्ठ साधक भी है। कथा के अंतिम दिवस कथा आयोजक परिवार के विशेष आग्रह पर उन्होंने अपनी बांसुरी की ध्वनि भी श्रवण करायी।
कथा आयोजक परिवार ने सम्मान किया:- भागवत कथा के अंतिम दिवस श्री उत्तमस्वामी जिन्होंने सात दिवस तक मंदसौर में कथा श्रवण करायी उनका और उनके संसारिक माता पिता का काबरा व गर्ग परिवार ने विशेष स्वागत-सम्मान किया। इस मौके पर गुरुभक्त मण्डल के अध्यक्ष तपनजी भौमिक का भी आयोजक परिवार दवारा सम्मान किया गया। कथा आयोजक परिवार की और से प्रहलाद काबरा, प्रहलाद गर्ग, बह्मप्रकाश गर्ग, हरिश गर्ग, रम्भु अग्रवाल गर्ग, महेश काबरा, पियुष गर्ग ने इन सभी का स्वागत सम्मान किया।
संतो का भी हुआ सम्मान:- कथा आयोजक परिवार के द्वारा शंकराचार्यजी श्री ज्ञानानन्दजी तीर्थ व उनके साथ पधारे भानपुरा पीठ के युवाचार्य वरुणेन्द्रजी तीर्थ व मेनपुरिया आश्रम के महंत मणी महेश चेतन्यजी महाराज का काबरा व गर्ग (केडिया) परिवार ने बहुमान (सम्मान) किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार संजय लोढ़ा ने किया। आभार – हरिश गर्ग ने माना।
इन विशिष्ठ अतिथियों ने किया पौथी पूजन:- कथा समापन दिवस पर मनासा विधायक, माधव मारू, समाजसेवी श्री रणछोडदास जी गनेडीवाल, सुशीला देवी गनेडीवाल, सकल जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष गजराज जैन, मंगेश भाचावत, नन्दकिशोर अग्रवाल हक्कु भाई, गोपालकृष्ण गोशाला अध्यक्ष पारसमल लोढा, प्रधानमत्री जगदीश चौधरी, समाजसेवी नरेश दोषी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक प्रमोद झा., मन्दसौर व सीतामऊ के पूर्व एस.डीएम संदीप शिवा, रामस्नेही सम्प्रदाय की लाडकुंवरजी, ने पोथी का पूजन किया। इस अवसर पर समाजसेवी भानुप्रतापसिह (कोटा), मनीष भाई (कोटा), धनंजय (इन्दौर), झकनावदा के गुरु भक्त मण्डल के सदस्यो एवं अरविन्द देवा अहमदाबाद, यशवंत फतेहनगर, विनोद गोयल उदयपुर, एव अग्रवाल समाज के अध्यक्ष आशीष गुप्ता, समाज के नरेंद्र अग्रवाल, श्री नंदकिशोर अग्रवाल ने भी पोथी पूजन किया।
इन संस्थाओ व समाजो ने किया पोथी पूजन व संतश्री का स्वागत:- कथा के समापन के पूर्व कई संस्थाओं व समाजों के द्वारा संत श्री का स्वागत व आयोजकर्ता परिवार का सम्मान भी किया गया। अग्रवाल समाज के आशीष गुप्ता नरेंद्र अग्रवाल नंदकिशोर अग्रवाल राजेंद्र अग्रवाल संतोष गोयल राजकुमार सिंह संजय सिंह के द्वारा स्वागत सम्मान किया गया। श्री गोपाल कृष्ण गोशाला की ओर से अध्यक्ष पारसमल लोढ़ा, प्रधानमंत्री जगदीश चौधरी, व संचालक मंडल के राजेंद्र पामेचा अजित नाहर ओम मित्तल राजेंद्र सेठिया शिखर डूंगरवाल, मोहन माहेश्वरी, ़भारत ऋषभ कोठारी, राजेंश सचेती, अरूण भाटी के द्वारा स्वागत सम्मान किया गया । हरि कथा आयोजन समिति व हनुमान चालीसा भक्त मंडल के नरेंद्र अग्रवाल अशोक झलोया आदि ने भी स्वागत सम्मान किया इस अवसर पर आशा देवी अग्रवाल के नेतृत्व की नेतृत्व में पशुपतिनाथ आरती मंडल की महीलाओं ने स्वागत किया। इस अवसर पर नन्दकिशोर अग्रवाल सिहल परिवार ने भी स्वागत किया।
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श्रीमद् भागवत सभी धर्मग्रथों मे श्रेष्ठ है, इसकी महता समझे – शंकराचार्य श्री ज्ञानानन्दजी
मंदसौर। शंकराचार्यजी श्री ज्ञानानन्दजी कथा की विश्रान्ती पर कहा कि दशपुर नगरवासी भाग्यशाली है जिन्हे भागवत कथा श्रवण का अवसर मिला है, आपने भागवत कथा की महिमा बताते हुये कहा कि भागवत सभी शास्त्रों में श्रेष्ठ है। सनातन धर्म के 18 पुराण है उनमे श्रीमद भगवत विशिष्ठ ग्रंथ है जो भी भागवतश्रवण करता है, करवाता है और जो भागवत वाचन करता है वह इस संसार के भव सागर को पार कर जाता है। भागवत के मुख्य पात्र श्रीकृष्ण है जिस कथा में कृष्णजी मुख्य हो वह कथा तो अद्भुत होगी ही। सभी शास्त्रों में भागवत श्रेष्ठ है जो भी व्यक्ति इसकी महिमा समझ लेता है वह जीते जी संसार के बन्ध्ंानो से अपने को मुक्त कर लेता है।