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बड़ी दूर से आये है प्यार का तोहफा लाये है, दशपुर रंगमंच ने किया ‘‘गीत संध्या’’ का आयोजन

महावीर अग्रवाल 

मन्दसौर २३ नवंबर ;अभी तक;  नगर की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने वाली संस्था दशपुर रंगमंच द्वारा गीत संध्या का आयोजन किया। जिसमें स्थानीय गायकों ने सदाबहार गीतों को अपनी आवाज में प्रस्तुत कर शाम को संगीतमय बना दिया।
आबिद भाई ने किशोर कुमार द्वारा गाया गीत ‘‘ जिस गली में तेरा घर न हो बालमा’’ को गाकर गीत संध्या की शुरूआत की। नंदकिशोर राठौर ने मासूमियत से ‘‘आपके हसीन रूख पे आज नया नूर है, मेरा दिल मचल गया तो मेरा क्या कसूर है’’ को प्रस्तुत किया।  सतीश सोनी ने ‘‘बड़ी दूर से आये है प्यार का तोहफा लाए है‘‘

                                गीत संध्या संयोजक अभय मेहता ने ‘‘ये मेरा दीवानापन है या मोहब्बत का शुरूर’’ को बखूबी प्रस्तुत किया। वहीं ललिता मेहता ने ‘‘हम तेरे प्यार में सारा  आलम खो बैठे है’’ की सुन्दर प्रस्तुति दी।
                              योगेश गोविन्दानी ने बेवफाई पर ‘‘क्या हुआ तेरा वादा, वो कसम वो इरादा’’ को गाया। लोकेन्द्र पाण्डे ने ‘‘तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नहीं, किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी’’ सुनाया। नरेन्द्र सोगोरे ने ‘‘एक अकेला लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे’’, राजकुमार अग्रवाल ने गजल ‘‘हम तो है परदेश में, देश में निकला होगा चांद’’ की प्रस्तुति दी।
                              हिमांशु वर्मा ने भी गमगीन करने वाले गीत ‘‘दिल के टूकड़े टूकड़े करके मुस्कुरा  के चल दिये’’ को सुनाया। वहीं श्याम गुप्ता ने मुकेश द्वारा गाये गीत ‘‘एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल’’ गाया। नरेन्द्र सागोरे ने ‘‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा, मैं तो गया हारा‘‘ प्रस्तुत किया।
सोनल-शैलेन्द्र चौरड़िया ने ‘‘पल-पल दिल के पास तुम रहती हो‘‘ एवं काजल-हिमांशु वर्मा ने ‘‘और नहीं तुमसे कहना, जीवन साथी साथ में रहना’’ गीतों की युगल रूप से प्रस्तुति दी। गीत संध्या का संचालन अभय मेहता ने किया व आभार ललिता मेहता ने माना।

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