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बालाघाट जिले में नकली अमानक खाद बिक्री का कारोबार धडल्ले से चल रहा

आनंद ताम्रकार

बालाघाट ९ नवंबर ;अभी तक ;  जिले के ग्राम नगरवाड़ा निवासी प्रकाश चौधरी द्वारा सिवनी जिले के केवलारी विकासखण्ड के ग्राम कोहका में डीएपी उर्वरक का विक्रय किया जा रहा है ग्राम कोहका के गिरवर गुमास्ता द्वारा उक्त डीएपी 30 बोरी क्रय किया गया था जो इफको कंपनी की पैकिंग में था।

                                         कृषक गिरवर गुमास्ता को उक्त डीएपी के नकली एवं अमानक प्रतीत होने पर कृषि विभाग के अधिकारियों को शिकायत की जिसके आधार पर 27 अक्टूबर 2024 को कृषि विभाग सिवनी के गुण नियंत्रक दल जिसमें प्रफुल धोडेश्वर ,सहायक संचालक कृषि एवं पवन कुमार कौरव सहायक संचालक कृषि द्वारा थाना केवलारी में उपस्थित होकर कृषक द्वारा थाना परिसर केवलारी में लाये गये डीएपी उर्वरक 30 बैग का परीक्षण करते हुए उक्त डीएपी को जब्त करते हुए उर्वरक का नमूना लिया गया है जिसे परीक्षण हेतु प्रयोगशाला भेजा गया था प्रयोगशाला से उक्त उर्वरक के नमूने की परीक्षण रिपोर्ट में उक्त डीएपी अमानक पाया गया।

                                  जिसके आधार पर उर्वरक निरीक्षक प्रफुल धोडेश्वर द्वारा थाना केवलारी में 8 नवंबर 2024 को अमानक वस्तु अधिनियम की धारा 3,7 उर्वरक नियंत्रण आदेश की धारा 7 एवं 19 तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 318 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई गई।

यह उल्लेखनीय है की बालाघाट जिले में नामी गिरामी प्रतिष्टित कंपनीयों के नाम से बैग छपवाकर उसमें नकली अमानक खाद बिक्री का कारोबार धडल्ले से चल रहा है। जुलाई माह में वारासिवनी की उत्कृर्ष सिटी परिसर में स्थित एक भवन से 3000 से अधिक खाली बोरे एग्रीजोन नामक प्रतिष्ठान के गोदाम में पाये गये थे जो प्रसिद्ध कंपनीयों के नाम से छपवाये गये थे।

इस मामले पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी लेकिन आज तक बोरे प्रिंट करने वालों का पता नही कर पाई।

बालाघाट जिला सीमावर्तीय जिला है जो छत्तीसगढ और महाराष्ट से जुड़ा है वहीं पडोसी जिले सिवनी और मण्डला से जुडा है बालाघाट जिले में नकली खाद भरकर इन जिलों में धडल्ले से सप्लाई की जा रही है और किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है। वहीं उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड रहा है।

सिवनी जिले में की गई कार्यवाही में बालाघाट जिले के नगरवाडा निवासी प्रकाश चौधरी भी नकली खाद बनाने वाले एक गिरोह का हिस्सा है। इससे पूछताछ कर पुलिस और प्रशासन इनके सरगना तक पहुंच सके ऐसी कार्यवाही अपेक्षित है।

यह उल्लेखनीय है की जुलाई माह में जिला मुख्यालय स्थित एक बड़े खाद एवं कीटनाशक विक्रेता के यहां एसडीएम श्री गोपाल सोनी एवं उपसंचालक कृषि राजेश खोपरगढे द्वारा अकास्मिक जांच की गई थी जांच में जो स्टाक रासायनिक खाद और कीटनाशक का पाया गया था उसका कोई लेखा जोखा नही पाया गया इसके बावजूद प्रतिष्ठान पर कोई कार्यवाही नही की गई।

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