बृज और बरसाना की तरह प्राणनाथ मंदिर मे जमकर मनाया गया होली का त्यौहार
दीपक शर्मा
पन्ना २८ मार्च ;अभी तक; मंदिरों के शहर पन्ना मै रंगों के पर्व होली को बड़े ही अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। बृज और वृन्दावन की तरह पन्ना में भी कृष्ण भक्ति परंपरा के विशेष त्यौहार होली को धूमधाम से मनाने की परम्परा है। जिसका निर्वहन आज भी उसी तरह किया जाता है। प्रणामी सम्प्रदाय के सबसे बड़े तीर्थ पन्ना धाम में किलकिला नदी के निकट एक ओर राधिका रानी का मंदिर है इस परिक्षेत्र को बरसाना कहते हैं।
वहीं दूसरी ओर कुछ दूरी पर कृष्ण और कृष्णलीला को केन्द्र में रखकर एक बृह्म चबूतरे की स्थापना है जहां श्री प्राणनाथ श्री कृष्ण की समस्त शक्तियों के साथ पूर्णबृह्म परमात्मा के रूप में विराजमान हैं। इस क्षेत्र को बृजभूमि और परना परम धाम कहते हैं। यहां बृज, बृन्दावन और बरसाने की तरह पारम्परिक होली मनाई जाती है। मंदिर में पूरी रात चलता है फ़ाग उत्सवः पन्ना स्थित महारानी जी (राधिका जी) मंदिर में होलिका दहन के एक दिन पूर्व शनिवार को जागरण की रात प्रतिवर्ष की तरह मनाई गई।
इस दिन श्री महारानी जी (राधिका जी) के मंदिर में हीरे एवं रत्न जड़ित आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया गया। रात्रि में भोग लगने के पश्चात लगभग 10 बजे महारानी के मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालु एकत्रित होने लगते हैं फिर फ़ाग गायन का कार्यक्रम प्रारंभ हो जाता है। गोकुल सकल ग्वालिन, घर-घर खेलें फ़ाग…, बेंदा भाल बन्यो राधा प्यारी को…..तू वेदी भाल न दे री.. आज के फ़ाग उत्सव में राधिका जी केन्द्र में है। दरअसल यह उन्हे फ़ाग खेलने का निमंत्रण है। दूसरे दिन गुम्बटजी एवं बंगला जी में पुनः फ़ाग गीतों का गायन होता है। इसके बाद चांदी की पिचकारी से केसर के रंग डाले जाते हैं। परिकल्पना यह है कि यहां राधा और कृष्ण मिलकर परस्पर भाग खेलते हैं। समस्त सुन्दरसाथ सखियों के रूप में गीत गाते हुये इस फ़ाग उत्सव में सम्मिलित होते हैं विशेषकर महिलाएं सोलह सिंगार कर पहुंचती हैं। देर रात तक यहां रंगारंग कार्यक्रम चलता रहा। उत्सव और उल्लास के इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बनने के लिये देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पन्ना धाम पहुंचते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं के पन्ना पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। फूलों की पंखुड़ियां बरसा कर केसर के रंग चांदी की पिचकारी से डाला श्री राधिका की महारानी मंदिर में रविवार सुबह होली का नजारा देखते ही बना। सैकड़ो की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु और सोलह सिंगार कर पहुंची महिलाओं ने होली फाग गीत गाकर राधिका रानी को मानते हुए देखी। श्री 108 प्राणनाथ जी मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी श्रद्धालुओं पर फूलों की पंखुड़ियां की वर्षा की गई साथ ही आमिर गुलाल के साथ केसर के रंग श्रद्धालुओं को लगाया गया। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के समस्त पदाधिकारी ट्रस्टी और महाप्रबंधक विशेष रूप से शामिल रहे।