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भीषण गर्मी में सांसद खेल महोत्सव का आयोजन ,शिक्षक और छात्र परेशान        

महावीर अग्रवाल                       

मंदसौर १९ अप्रैल ;अभी तक;  भीषण गर्मी में माध्यमिक विद्यालय ,हाई स्कूल ,हायर सेकेंडरी के बच्चों को सांसद खेल महोत्सव में झोंका जा रहा है जबकि यह समय खेल गतिविधियों के लिए उपयुक्त नहीं है फिर भी केंद्र सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के सामूहिक आयोजन मैं तपती गर्मी में बच्चों को खेल महोत्सव के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेकी जा रही हैl
                               अभी-अभी कक्षा पांचवी ,आठवीं ,हाई स्कूल ,हायर सेकेंडरी की परीक्षा संपन्न हुई है एवं उत्तर पुस्तिकाओं का जांच कार्य भी बाकी है ऐसी विषम परिस्थिति में सांसद खेल महोत्सव के नाम पर बच्चों को तपती गर्मी में सुबह 7:00 बजे से दोपहर के 12 या 1बजे तक खेल महोत्सव के नाम पर तपती गर्मी में विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा हैl
                     अक्सर देखा जाता है कि जब कभी भी राजनीतिक दलों की आम सभा होती है तब पब्लिक को लाने ले जाने के लिए राजनीतिक पार्टियां बसों की व्यवस्था करती है एवं भोजन पैकेट की व्यवस्था करती है परंतु बच्चों को खेल महोत्सव के नाम पर विद्यालय में सुबह 7:00 बजे संकुल स्तर पर एकत्रित होना है और सिर्फ नाश्ता की व्यवस्था रखी गई है ऐसे में बच्चे दोपहर तक भूखे ही रहेंl
                             यदि सरकार को सांसद खेल महोत्सव का आयोजन रखना ही था तो दिसंबर जनवरी में इस प्रकार के आयोजन करना चाहिए ना कि भीषण गर्मी में बच्चों को परेशान किया जाए यदि खेल के आयोजन के द्वारा भीषण गर्मी में बच्चे चक्कर खाकर गिर जाए बीमार हो जाए तो ऐसे में किसकी जवाबदारी रहेगी ?
                            भीषण गर्मी में भानपुरा मैराथन दौड़ में एक छात्र के पैर से खून निकलने लगा एवं कई स्थानों पर बच्चों के बेहोश होने की खबर आ रही हैl  इन सब बातों पर विचार कर सांसद  खेल महोत्सव अभी निरस्त कर दिसंबर जनवरी में इस प्रकार के आयोजन को रखा जाएl
                            मध्य प्रदेश शिक्षक शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष महंत एनडी वैष्णव कांग्रेस कमेटी भोपाल, जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा ,कार्यकारी जिला अध्यक्ष बाबूलाल भीरमा ,शिक्षक कांग्रेस की जिला संरक्षक संध्या देवी जयसवाल इस प्रकार के आयोजन निंदा करती है  जिसमें भूखे पेट बच्चों को दौड़ाया जाता है खेल खिलाया जाते हैंl
शिक्षक मजबूरी में बच्चों के साथ लगे रहते हैं क्योंकि यह उनका कर्तव्य है कि बच्चे परेशान ना हो इसके लिए वे अपनी जेब से भी कहीं पर खर्च कर रहे हैं, जबकि जो फंड केंद्र और राज्य सरकार से मिला है उसमें कमीशनखोरी की बू आ रही है कांग्रेस की सरकार बनने पर इसकी जांच करवाई जाएगीl
प्रदेश सरकार से मांग हैं कि इस आयोजन को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आगामी दिसंबर जनवरी में रखा जाएl

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