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भैरोगढ़ यार्ड में अप लाइन का रीअलाइनमेंट एवं पैनल इंटरलॉकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य सम्पन्न
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २६ नवंबर ;अभी तक; रतलाम मंडल के रतलाम-गोधरा खंड में भैरोगढ़ यार्ड में वर्षों पुरानी कर्व संख्या 97 अप का रीअलाइनमेंट कर स्थाई गति प्रतिबंध को समाप्त करना मुम्बई-दिल्ली रेल मार्ग को 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है, जो 26 नवम्बर, 2023 को सम्पन्न हुआ।
रतलाम-गोधरा खंड में भैरोगढ़ यार्ड में किमी 616/15 से 615/19 के मध्य 4.2 डिग्री कर्व होने के कारण अप लाइन पर 60 किमीप्रघं का गति प्रतिबंध था, जिसके कारण ट्रेन परिचालन में संरक्षा एवं गति प्रभावित होने के साथ रतलाम-गोधरा खंड में ट्रेन सघनता की भी समस्या थी।
दिल्ली-मुम्बई मुख्य रेल मार्ग पर होने के कारण भैरोगढ़ यार्ड रिमॉडलिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य को पूरा कारना काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में यात्री एवं मालगाडियों का आवागमन होता है। रतलाम मंडल द्वारा इस चुनौतीपूर्ण कार्य को करने के लिए 21नवम्बर, 2023 से टीडब्ल्यूओ कार्य आरंभ हुआ तथा 26 नवम्बर, 2023 को इस कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। इस प्रकार कर्व संख्या 97 अप लाइन का री-अलाइनमेंट कर गति प्रतिबंध को समाप्त किया गया। नए ट्रैक के अनुसार विद्युतीकरण कार्य को भी समय रहते पूरा किया गया। भैरोगढ़ स्टेशन पर एक नया स्टेशन भवन का निर्माण भी किया गया है।
भैरोगढ़ स्टेशन यार्ड में कर्व रीअलाइनमेंट के समानांतर पैनल इंटरलॉकिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिंक इंटरलॉकिंग का कार्य को भी पूरा किया गया। दोनों कार्य एक साथ समानांतर रुप से किए जाने के कारण समय एवं लागत की बचत भी हुई । विभिन्न विभागों के साथ बेहतर समन्वय एवं कार्ययोजना की उचित मॉनिटरिंग के कारण इस महत्वपूर्ण कार्य को लगभग एक सप्ताह में पूरा किया गया।
ब्लॉक के दौरान भैरोगढ़ स्टेशन के आस-पास संरक्षा से संबंधित अन्य कार्य भी किए गए जिसमें 1.9 किलोमीटर न्यू एम्बैंकमेंट का निर्माण, मेजर ब्रिज संख्या 224 का विस्तार, माइनर ब्रिज संख्या 225 का पूनर्निर्माण, 09 पुराने टर्नआउट को निकालने एवं 08 नए टर्नआउट को डालने, नया अपलूप कम वाटर साइडिंग , इंजीनियरिंग साइडिंग का निर्माण इत्यादि भी शामिल है।
गति प्रतिबंध सामान्य होने तथा रेलवे ट्रैक के कर्व में कमी आने से ट्रेनों की गति बढ़ेगी, यात्रा समय कम होगा, रतलाम-गोधरा खंड में ट्रेनों की सघनता कम होगी, संरक्षा में बढ़ोती होगी। भैरोगढ़ यार्ड के स्थाई गति प्रतिबंध हटने से मुम्बई दिल्ली रेल मार्ग पर प्रस्तावित 160 किमीप्रघं प्रोजेक्ट में एक महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।