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भ्रष्टाचार के मामले मे आरोपी पटवारी को हुआ 4 वर्ष सश्रम कारावास, भरना पडेगा 26 लाख 50 हजार का जुर्माना भी
विधिक संवाददाता
इंदौर एक दिसंबर ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव, ने बताया कि दिनांक 29/11/2023 को माननीय न्यायालय- श्री ओमप्रकाश रजक, मध्यप्रदेश विशेष न्यांयालय अधिनियम 2011 के तहत गठित विशेष न्या्यालय, इंदौर ने विशेष सत्र प्रकरण क्रमांक 19/2017 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी बाबूलाल गोमर निवासी जिला उज्जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13(2) में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल 26 लाख 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया । प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी के निर्देशन में विशेष लोक अभियोजक डॉ श्रीमती पदमा जैन द्वारा की गई ।
नोट – उक्त प्रकरण मे अभियोजन के द्वारा 32 गवाह पक्ष समर्थन में प्रस्तुत किये गये एवं श्रीमती जैन द्वारा अंतिम बहस में लिखित तर्क देते हुए आरोपी को अधिकतम दंड दिए जाने का निवेदन किया जिससे सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा उक्त दंड से दंडित किया गया ।
अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि आरक्षी केन्द्र चिमनगंज मंडी, जिला उज्जैन में फरियादी दिनेश पिता सुंदरलाल मालवीय द्वारा लेख करायी गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 171/2012 अंतर्गत धारा 392 भा०दं०वि० की विवेचना के दौरान यह पाया गया कि प्रकरण में लूटे गये सोने के जेवर कुल वजनी 323 ग्राम और चांदी के जेवर वजनी 2 किलो 320 ग्राम, पटवारी बाबूलाल गोमर के थे, जो उक्त अपराध में आरोपीगण से जप्त किये गये हैं। उक्त प्रकरण में आरोपीगण के कब्जे से बाबूलाल पटवारी और उसकी पत्नी तेजूबाई और पुत्र कृष्णा सिंह के नाम पर दर्ज कृषि भूमि, बैंक खातों की पास बुक और बीमा पॉलिसी आदि भी जप्त की गयीं और इंदिरा नगर, उज्जैन में ई.डब्ल्यू.एस. 291/491 का एक पक्का मकान होना ज्ञात हुआ। इस प्रकार पटवारी बाबूलाल गोमर के पास गैर अनुपातिक संपत्ति होना ज्ञात होने पर थाना प्रभारी के द्वारा उक्त संबंध में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जिला उज्जैन को पत्र प्रेषित किया गया। जिसके आधार पर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा जॉच हेतु श्री ओ.पी. सागोरिया उप पुलिस अधीक्षक संभागीय लोकायुक्त कार्यालय, उज्जैन को सौपी गई । जॉच मे सूत्र सूचना संकलित की गयी, जिसमें पाया गया कि आरोपी दिनांक 07.03.1987 से लोकसेवक पटवारी के पद पर नियुक्त था और आरोपी मूल रूप से ग्राम गोलवा, तहसील तराना, जिला उज्जैन का निवासी है, आरोपी ने अपने शासकीय सेवाकाल में आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है। उक्त सूत्र सूचना प्रस्तुत किये जाने पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन ने अपराध पंजीबद्ध कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया, तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(1) ई एवं धारा 13(2) के अंतर्गत अपराध असल कायमी हेतु विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त भोपाल प्रेषित किया गया, जहां पर अपराध कमांक 55/2012 पर पंजीबद्ध हुआ। एवं प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र को माननीय न्यायालय के समक्ष वर्ष 2013 में प्रस्तुत किया गया । जिस पर से आरोपी को उक्त दंड से दंडित किया गया ।