मुडिया पहाड जमीन मामले मे भाजपा उपाध्यक्ष अंकुर त्रिवेदी सहित चार के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर विभिन्न धाराओ मे होगा मामला दर्ज
दीपक शर्मा
पन्ना ८ अप्रैल ;अभी तक; पन्ना जिले का बहुचर्चित मामला विगत दो तीन वर्षो से सुर्खियो मे था, जिसमे भू-माफिया तथा भाजपा के वर्तमान मे जिला उपाध्यक्ष अंकुर त्रिवेदी सहित उनके पिता खुन्ना माता प्रमला देवी तथा हीरा लाल आदिवासी द्वारा मुडिया पहाड मे रह रहे आदिवासीयो की जमीनो को कूट रचित दस्तावेजो के आधार पर अपने नाम करा लिया तथा उक्त जमीन मे आलीशान कोठी भी बना ली थी। उक्त मामले को लेकर गरीब आदिवासीयो द्वारा लगातार लडाई लडी गई।
इसी मामले मे तत्कालीन एसडीएम शेर सिंह मीना द्वारा उक्त जमीन गरीब आदिवासीयो के नाम ही दर्ज करने के आदेश दिये गये थें। लेकिन अपर कलेक्टर द्वारा एसडीएम का आदेश पलटते हुए मामले मे स्थिग्न दे दिया गया था। जिसको लेकर आदिवासी दारा गोंड पुत्र बाला गोड़ उर्फ दुग्गे निवासी रानीगंज पन्ना ने माननीय न्यायालय विशेष न्यायधीश एससी एसटी, पीओए एक्ट पन्ना मे अंपतजीयत परिवाद क्रमांक पन्ना नम्बर 211/2022 सीएनआर नम्बर 35010019762021 दायर की गई थी। परिवादी की ओर से अधिवक्ता शैलेश विश्वकर्मा द्वारा मामले मे पैरवी की गई थी। प्रस्तुत परिवाद का अवलोकन किया गया तथा परिवादी की ओर से दण्ड प्रक्रिया की धारा 156 (3) धारा 190 एवं धारा 200 के तहत दण्ड संहिता धारा 420, 326, 34 एवं अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(पअ) सहित अभियुक्तगण अंकुर त्रिवेदी, अवधेश त्रिवेदी, श्रीमती सुमला त्रिवेदी एवं हीरा लाल गोड़ के विरूद्ध परिवाद दायर किया गया। जिसे जिला पुलिस पन्ना ने मामले को दर्ज करने से इंकार कर दिया।
उक्त मामले मे आदिवासी भूमि मे परिवादी का विशेष शीर्षक भाईजी बनाम उपवनमंडलाधिकारी थांदला (2003) एससीसी मे अधिनियम की धारा 2ए मे आदिवासी भूमि मे लेन देन का मामला सीमित है। जिसमे बिना अधिग्रहित आदिवासी भूमी उनके उत्तराधीकारीयो को हस्तातरित की जायेगी जिसके पास यह मूल रूप से थी। पर नामान्तरण कराकर विवादित भूमियां का विक्रयपत्र अभियुक्तगण के साथ मिलकर दस्तावेजों में कूटरचना कर किया गया है और उन विक्रयपत्रों को अभियुक्त अंकुर त्रिवेदी, सुमिला त्रिवेदी तथा खुन्ना उर्फ अवधेश त्रिवेदी द्वारा अपने पक्ष में यह जानते हुए कि हीरालाल गोंड़ आदिवासी जाति का है और उससे फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विवादित भूमियों का विक्रयपत्र दस्तावेजों में धोखाधड़ी एवं छलपूर्वक रजिस्ट्री करवाकर उक्त भूमि संपत्ति को बेईमानी से उत्प्रेरित कर प्रवंचित कर धोखाधड़ी एवं छलपूर्वक अभियुक्तगण अंकुर त्रिवेदी, सुमिला त्रिवेदी एवं खुन्ना उर्फ अवधेश त्रिवेदी ने रजिस्ट्री करवाकर दस्तावेजों की कूट-रचना की गई। इस आशय से कि उपरोक्त संपत्ति को फर्जी रूप से प्राप्त किया जा सके तथा उपरोक्त दस्तावेजों की कूट रचना कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग उक्त संपत्ति प्राप्त करने के लिये किया जा सके एवं उपरोक्त दस्तावेजों को जो कि कूटरचित दस्तावेज हैं, की जानकारी होते हुये उन्हें असली के रूप में उपयोग किया और अभियुक्तगण अंकुर त्रिवेदी, सुमिला त्रिवेदी एवं खुन्ना उर्फ अवधेश त्रिवेदी द्वारा यह जानते हुए कि विवादित भूमियां आदिवासी समुदाय के व्यक्तियों की हैं और अनुसूचित जनजाति के आदिवासी व्यक्तियों परिवादी एवं उसकी बहिनों तथा अन्य आदिवासी वर्ग के सदस्यों की भूमि सह अभियुक्त हीरालाल गोंड़ आदिवासी से मिलकर फर्जी रजिस्ट्रियां बगैर प्रतिफल दिए कराई गई हैं।
इस प्रकार प्रस्तुत परिवाद, संलग्न दस्तावेज एवं पुलिस जांच प्रतिवेदन एवं प्रतिवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों एवं परिवादी तथा परिवादी साक्षियों के कथनों के आधार पर अनावेदक/अभियुक्तगण अंकुर त्रिवेदी, खुन्ना उर्फ अवधेश त्रिवेदी एवं सुमिला त्रिवेदी के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. तथा धारा 3(2)(5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 एवं अनावेदक/अभियुक्त हीरालाल गोंड़ के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. के अधीन अपराधों का संज्ञान लिए जाने हेतु प्रथमदृष्टया पर्याप्त आधार हैं। अतः अनावेदक/अभियुक्तगण अंकुर त्रिवेदी, खुन्ना उर्फ अवधेश त्रिवेदी एवं सुमिला त्रिवेदी, सभी निवासी रानीबाग कोठी थाना कोतवाली पन्ना जिला पन्ना के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भा.दं.सं. तथा धारा 3(2)(5) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 एवं अनावेदक/अभियुक्त हीरालाल गोंड़ निवासी मुड़िया पहाड़ पन्ना जिला पन्ना, म.प्र. के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भा.द.ं स.ं के अधीन अपराध पजींबद्ध किया जावे एवं प्रकरण केन्द्रीय पंजीयन भेजा जाकर विशेष प्रकरण एस.सी.ए.टीआर. के रूप में पजींबद्ध किया जावे एवं उक्त चारों अभियुक्तगण की उपस्थिति हेतु गिरफ्तारी वारन्ट जारी किए जावें। प्रकरण अभियुक्तगण की उपस्थिति 6 मई को नियत की गई है।