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मॉयल नगरी तिरोड़ी की पायल ग्वालवंशी को मिली 913 वीं रैंक- लेबर पिता की बेटी का यूपीएससी में सिलेक्शन
आनंद ताम्रकार
बालाघाट कटंगी 17अप्रैल ;अभी तक; सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए इंटरव्यू संपन्न हो चुके हैं. इंटरव्यू का आयोजन तीन चरणों में किया था. जिन उम्मीदवारों ने इस साक्षात्कार में भाग लिया था. उन सभी का इंतजार एक दिन पहले खत्म हो गया है. सिविल सेवा परीक्षा 2023 का फाइनल रिजल्ट ऑनलाइन माध्यम से यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी कर दिया गया है. बालाघाट जिले की मॉयल नगरी तिरोड़ी की खदान में काम करने वाले लेबर मानेश्वर ग्वालवंशी और कभी प्राईवेट स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने वाली श्रीमती मीरा ग्वालवंशी की पुत्री पायल ग्वालवंशी का यूपीएससी में सिलेक्शन हुआ है. उन्हें ऑल इंडिया रैंकिंग में 913 वीं रैंक मिली है।
पायल को चौथे प्रयास में यह सफलता मिली. जिससे वह और उनका पूरा परिवार बेहद उत्साहित है. एक दिन पहले जब यूपीएससी ने अंतिम नतीजों की घोषणा की और पायल नागवंशी ने अपना नाम देखा तो वह और उनका पूरा परिवार खुशियों से झूम उठा. वहीं आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों को जब पायल का यूपीएससी में चयन होने की जानकारी मिली तो उन्होंने आतिशबाजी कर खुशियां जाहिर की. बता दें कि फरवरी माह में पायल ग्वालवंशी का कृषि विभाग में कृषि विस्तार अधिकारी के लिए चयन हो गया था लेकिन यूपीएससी के परिणाम आने के बाद वह बहुत अधिक खुश है. पायल नागवंशी की एक बहन और एक भाई है. भाई रेलवे में बतौर जूनियर इंजिनियर सेवाएं दे रहे है जबकि बहन भी एसएससी की तैयारी कर रही है.
पायल ग्वालवंशी की प्राथमिक और माध्यमिक स्कूली शिक्षा तिरोड़ी के ही एक प्राईवेट स्कूल में हुई. उन्होंने हाईस्कूल की शिक्षा उत्कृष्ट विद्यालय बालाघाट से पूरी की. जेएनटीवी जबलपुर से बीटेक किया. वह बताती है कि शीतला पटले (आईएएस) से प्रेरणा लेकर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की सोची और आज यह सफलता मिली. उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों में एक बार शीतला पटले उनके स्कूल आई थी जब उन्हें सुना और उनके बारे में पता किया तो वहीं से पद को हासिल करने की इच्छा जागृत हुई. जेएनटीवी जबलपुर से बीटेक की शिक्षा हासिल करने के बाद दिल्ली की एक कोचिंग संस्थान से जुड़कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी पूरी की. वह कहती है कि कुछ बड़ा परिवर्तन लाना है तो बड़े मंच की आवश्यकता थी. इसलिए पहले से यूपीएससी का ख्वाब संजोए रखा था.
लक्ष्य के प्रति समर्पित होना बहुत जरूरी-
पायल ग्वालवंशी बताती है कि शुरूआत से ही पता था कि माता-पिता काफी मुश्किलों से हमें पढ़ा रहे है और यह केवल मैं नहीं बल्कि मेरे दोनों भाई बहन भी बेहतर तरीके से जानते थे इसलिए परिवार की स्थिती और माता-पिता की तनख्वाह को देखते हुए हमने अपनी जरूरतों को पूरा किया. वह कहती है कि किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होना है. यदि लक्ष्य को बनाया है तो दिन-रात मेहनत करना है मुझे कोई भी जॉब मिल सकती थी लेकिन मैंने अपना लक्ष्य यूपीएससी को बनाया था. एक बात साफ है जो भी काम करें पूरी ईमानदारी से करें टालमटोल बिलकुल भी ना करें. पायल ने कहा कि अब उनकी कोशिश रहेगी कि तिरोड़ी के युवाओं को प्रेरित करेगी ताकि वह भी जीवन में बहुत बेहतर करें.
701- पायल ग्वालवंशी जिनका यूपीएससी में चयन हुआ है.