प्रदेश

राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिया गया फार्मर रजिस्ट्री का प्रस्तुतिकरण

आशुतोष  पुरोहित
 खरगोन 27 सित/ ;अभी तक ;  –  कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में 27 सितंबर को राजस्व अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अधीक्षक भू-अभिलेख श्री खुमान सिंह चौहान द्वारा फार्मर रजिस्ट्री योजना के संबंध में राजस्व अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया। राजस्व अधिकारियों से कहा गया कि किसानों से जुड़ी इस योजना पर तत्परता से काम करें।
बैठक में बताया गया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, कृषि क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। वर्तमान परिदृश्य में यह आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र के विकास हेतु चलाई जा रही विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समय से पहुँच सके जिससे संसाधनों के समुचित उपयोग से कृषि क्षेत्र का पूर्ण विकास संभव हो सके। एग्रीस्टैक के माध्यम से किसानों के लिए सुलभ ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट, स्थानीय एवं विशिष्ट लक्षित सलाह और बाजारों तक सुविधाजनक पहुँच प्राप्त करना, कृषि केन्द्रित लाभदायी योजनाओं का क्रियान्वयन आसानी से किया जा सकेगा।
  फार्मर रजिस्ट्री के क्रियान्वयन के लिए राज्यों के लिए इन्सेंटिव कार्यक्रम भी भारत सरकार द्वारा नियत किया गया है, यह कार्यवाही समय-सीमा में अभियान के रूप में पूर्ण करने हेतु डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य हेतु चिन्हांकित स्थानीय युवा का उपयोग किया जाना है, जिससे अभियान की कार्यवाही नियत समय-सीमा में कार्यवाही पूर्ण की जा सके।
एग्रीस्टैक की स्थापना हेतु फार्रमरजिस्ट्री
    अभिलेखों की डायनेमिक लिंकिंग के साथ किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री)- फार्मर रजिस्ट्री के अंतर्गत प्रदेश के कृषक विवरण को एग्रीस्टैक के अंतर्गत तैयार कर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। जो भू-अभिलेख डाटा के आधार पर तैयार किया जाना है। इस कार्य में ग्राम के कृषकों की जानकारी को एक स्थान पर अंकित किया जाएगा, जिसे बकेट कहा जा रहा है। इस प्रकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं प्रदेश द्वारा प्रदत्त डाटा के आधार पर बकेट ऑनलाईन बनाई जाएगी। इस प्रकार यह कार्य भूधारी स्वयं, डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण कार्य हेतु चिन्हित स्थानीय युवा अथवा पटवारी दवारा किया जाएगा।
फार्मर रजिस्ट्री का उद्देश्य प्रदेश में समस्त भूधारियों के आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार करना है, जिसमें भूधारियों को एक अनन्य फार्मर आईडी प्रदान किया जाएगा। भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना हेतु फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य है, दिसम्बर 2024 के उपरांत केवल फार्मर आईडी उपलब्ध होने पर ही योजना का लाभ हितग्राहियों को प्राप्त हो सकेगा। योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन, कृषि उत्पादों का सुविधाजनक विपणन प्रदेश के समस्त कृषकों को राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तरीके से प्रदान करने हेतु लक्ष्य निर्धारण एवं पहचान, किसानों के लिए कृषि ऋण एवं अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं की सुगमता इसका उद्देश्य है।
 प्रदेश के सभी भूधारी के लिए फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन किया जाना है। फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन पोर्टल https://mpfr.agristack.gov.in (पटवारी, स्थानीय युवा एवं किसान हेतु), मोबाईल एप फार्मर रजिस्ट्री एमपी (किसान हेतु), मोबाईल एप फार्मर सहायक एमपी एप (स्थानीय युवा हेतु) के माध्यम से किया जाना है। भू-अभिलेख डाटा के आधार पर बकेटिंग का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। इससे एक ग्राम मे एक कृषक द्वारा धारित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध होगी। प्रदेश में इन बकेट का उपयोग कर फार्मर रजिस्ट्री तैयार की जाना है एवं आवश्यक होने पर जिला, तहसील, ग्राम का चयन कर खाता एवं भूमिस्वामी का चयन किया जा सकेगा। विकसित एप एवं पोर्टल का उपयोग कर कृषक के समस्त खातों को लिंक करते हुए ई-केवायसी की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। जिसमें कृषक की सहमति इलैक्ट्रानिक रूप में प्राप्त की जाएगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि हितग्राहियों की फार्मर आईडी प्राथमिकता के आधार पर जनरेट की जाएगी। प्रत्येक खातेदार के खसरा, हिस्सा, मोबाईल नंबर, आधार संख्या, ई-केवायसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा। भू-अभिलेख परिवर्तन होने पर फार्मर रजिस्ट्री में जानकारी स्वतः ही अद्यतन हो जाएगी। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण में प्रत्येक खसरे में दर्ज फसल की जानकारी समेकित रूप से उपलब्ध होगी। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भूधारी द्वारा नियत शुल्क का भुगतान कर फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन। फार्मर रजिस्ट्री क्रियान्वयन अभियान के रूप में 30 नवंबर 2024 तक पूर्ण किया जाना है।

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