प्रदेश
लायंस क्लब डायनेमिक ने आयोजित की हर्बल उत्पाद कार्यशाला
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर २९ मार्च ;अभी तक; लायंस क्लब डायनेमिक मंदसौर द्वारा ‘‘हर्बल उत्पाद कार्यशाला’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथियों में वनस्पति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेरणा मित्रा, श्रीमती प्रीति बागड़ी एवं राजनीति विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता अग्रवाल सम्मिलित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्लब अध्यक्ष पुष्पा चेलावत ने की।
स्वागत उद्बोधन देते हुए क्लब अध्यक्ष पुष्पा चेलावत ने बताया कि लायंस डायनेमिक इस तरह के आयोजन करता रहता हैं, जिसके माध्यम से महिलाओं को रोजगार मिल सके और महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को पूरा किया जा सके। इस कार्यशाला में हर्बल साबुन, हर्बल क्लीनर, और हर्बल गुलाल बनाना सिखाया गया।
कार्यशाला में डॉ. प्रेरणा मित्रा ने हर्बल साबुन एवं हर्बल क्लीनर बनाना सिखाया। डॉ. मित्रा ने बताया कि हर्बल साबुन प्राकृतिक अवयवों जैसे नीम, तुलसी, हल्दी, चंदन, कॉफी, गुलाब, गुड़हल के अलावा अन्य जड़ी बूटियां से बनाए जाते हैं, जिनमें एलोवेरा जेल और विटामिन ई का समावेश होता हैं । यह एंटीबैक्टीरियल होते हैं साथ ही मुहांसों, एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों में भी लाभदायक होते हैं इसके अतिरिक्त एसेंशियल ऑयल जो प्राकृतिक अवयवों से बनाए जाते हैं यह प्राकृतिक सुगंध अरोमाथेरेपी का लाभ प्रदान करती है और तनाव भी काम करती है। आपने बताया कि हर्बल साबुन में रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है तो इससे इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण भी होगा साथ ही महिलाएं अपने घर पर ही रहकर रोजगार कर सकती हैं।
डॉ मित्रा ने बताया कि मार्केट में मिलने वाले फ्लोर क्लीनर सफाई मंे प्रभावी हैं लेकिन साथ में हानिकारक रसायनों के कारण सांस की बीमारियां उत्पन्न भी करते है हर्बल फ्लोर क्लीनर प्राकृतिक अवयवों से बनता है। पानी, संतरे के छिलकों और गुड़ को 10ः3ः1 के अनुपात में मिलाकर 3 महीने के लिए रखने पर एक प्रभावशाली प्राकृतिक क्लीनर तैयार होता है जिस घर की गंदगी साफ होती है और कीड़े मकोड़े को भी दूर करने में मदद करता है।
हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण श्रीमती प्रीति बागड़ी के द्वारा दिया गया उन्होंने बताया कि मार्केट में मिलने वाले कलर और गुलाल में खतरनाक रसायन होते हैं जो त्वचा संबंधी बीमारियों को उत्पन्न करते हैं वहीं हर्बल गुलाल को चुकंदर, पालक एवं अन्य प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है इसलिये यह हमारे त्वचा के लिए सुरक्षित होते है हमारे पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित हैं। श्रीमती बागड़ी ने होली खेलने के पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए व अपनी त्वचा की देखभाल कैसे करनी चाहिऐ इसके बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रोजेक्ट चेयरमेन रीता पारिख, प्रीति रत्नावत. रीमा सैनी, अलका सिपानी, चंद्रकांता पौराणिक, सीमा जैन, नीता सोलंकी, ललिता मेहता सहित क्लब की अनेक सदस्याएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन चित्रा मंडलोई ने किया एवं आभार सचिव मनीषा मंडवारिया ने माना।