प्रदेश
लोकसेवक द्वारा जारी समन के आदेश पर उपस्थित न होने वाले आरोपी को 1 हजार रुपये का जुर्माना
विधिक संवाददाता
इंदौर २१ दिसंबर ;अभी तक; जिला अभियोजन अधिकारी श्री संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 15.12.2023 को माननीय न्यायालय – श्री शरद जोशी,न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, इन्दौर, ने मध्य प्रदेश सरकार, कमर्शियल टेक्स विभाग तर्फे इंद्रेश कुमार तिवारी, राज्य कर अधिकारी, एन्टी इवेजन ब्यूरो इन्दौर के SC EOW No. 1/2021 में निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त राजेन्द्र लटकन, उम्र 56 वर्ष को, निवासी इन्दौर को धारा 174, 175 भारतीय दण्ड संहिता में कुल 1000/- रुपये के अर्थदण्ड दण्डित किया गया। प्रकरण में जिला लोक अभियोजन अधिकारी के निर्देशन पर अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती ज्योति तोमर द्वारा की गई।
परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी वाणिज्यिक कर विभाग में एक राज्य कर अधिकारी है और वर्तमान में संयुक्त आयुक्त कार्यालय में राज्य कर अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। एंटी इवेजन ब्यूरो इन्दौर में परिवादी भा.दं.सं. की धारा 21 के तहत एक लोकसेवक है और एम.पी. जी.एस.टी. अधिनियम के तहत एक प्राधिकृत अधिकारी हैं। आदेश दिनांक 5/2019 दिनांक 02.11.2019 और एम.पी. जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 70 के तहत वैयक्तित को आहूत करने हेतु समन जारी व दस्तावेज प्रस्तुत करने हेतु समंस भेजने हेतु सक्षम अधिकारी है। म.प्र. का एस.जी.एस.टी. विभाग मेसर्स कैटस्किल इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जी.एस.टी. की कर चोरी से संबंधित धारा 67(2) एम.पी. जी.एस.टी. अधिनियम 2017 के तहत तलाशी और जब्ती की कार्यवाही कर रही है। मेसर्स कैटस्किल इंफ्रा प्रोटेक्ट प्राइवेट लिमिटेड का मुख्य व्यवसायी स्थान ए-1, 103 बालाजी स्काई, भवन प्रोमेनेंट स्कूल इंदौर म.प्र. हैं और अभियुक्त कंपनी का निदेशक है और कंपनी के दिन प्रतिदिन के काम के लिये जिम्मेदार है। उक्त कंपनी के विरुद्ध तलाशी एवं जब्ती की कार्यवाही के दौरान एम.पी. जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 70 के अंतर्गत विभिन्न वैधानिक समंस जारी किये गये और अभियुक्त को साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के लिये दिये गये। उक्त वैधानिक समन की जानकारी होने के बाद भी अभियुक्त कभी उपस्थित नहीं हुआ है और उसने समन का अनुपालन नहीं किया, जिसका अनुपालन करने के लिये वह कानूनी रूप से बाध्य था, जिस कारण से लोकसेवक द्वारा जारी समंस का पालन अभियुक्त के द्वारा नहीं किये जाने पर संपूर्ण कार्यवाही उपरान्त हस्तगत परिवाद माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है, जिस पर से आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।