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शासकीय नजूल भूमि बहुमंजिला दुकान बनाने के संबंध में की गई शिकायत पर कलेक्टर ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया

आनंद ताम्रकार

बालाघाट २५ अक्टूबर ;अभी तक ;  जिले के वारासिवनी नगर में स्थित शासकीय नजूल भूमि जिसका निर्धारण शासन द्वारा नहीं किया गया है। ऐसी भूमि को नगर पालिका द्वारा 1 वर्ष की अस्थाई लीज पर आवंटित कर दिये जाने एवं आवंटित भूमि पर सक्षम अनुमति प्राप्त किये बिना पक्का निर्माण कर बहुमंजिला दुकान बनाने के संबंध में की गई शिकायत के आधार पर कलेक्टर महोदय के न्यायालय में सुनवाई चल रही है।

सुनवाई के दौरान प्रकाश में आये तथ्यों की छानबीन एवं वैधानिक स्थिति का आकलन करने के लिये माननीय कलेक्टर महोदय ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है जो निर्धारित समयावधि में अपना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी। जांच समिति में नजूल अधिकारी,कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण,अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,मुख्य नगरपालिका अधिकारी वारासिवनी एवं तहसीलदार को शामिल किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि शासन की नजूल भूमि नगर पालिका परिषद एवं कृषि उपज मंडी द्वारा निर्धारण हुये बिना ही लीज पर आवंटित कर दी गई है जिस पर पक्का निर्माण कर दुकानें बना ली गई और उनका क्रय विक्रय किया जा रहा है जो नियम विरूद्ध है। दुकानों पर कब्जेदार कोई ओर है जिसके नाम लीज आवंटित की गई है वो कोई और है।

नगर पालिका परिषद द्वारा जून 2022 में प्रशासकीय बैठक में प्रस्ताव पारित कर बिना अनुमति के किये गये अवैध निर्माणकर्ता से समझौता कर निर्माण कार्य को वैधानिकता प्रदान करने संबंधी  पारित प्रस्ताव को निरस्त करने संबंधी निर्देश तत्कालीन कलेक्टर डाक्टर श्री गिरीश मिश्रा द्वारा दिये गये थे लेकिन आज तक परिषद द्वारा उक्त प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया। इस प्रकार नगर पालिका परिषद कलेक्टर महोदय के निर्देशों की निरंतर अवहेलना की जा रही है। यह बिंदु भी जांच का विषय है।

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