शिक्षा विभाग में लाखों का घोटाला ; जांच में हुआ खुलासा, पुलिस में एफआईआर दर्ज
आनंद ताम्रकार
बालाघाट २५ दिसंबर ;अभी तक; जिले के शिक्षा विभाग में लगभग 86 लाख रुपये का घोटाला प्रकाश में आया है।
जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा लिखित शिकायत प्रस्तुत करने के उपरांत पुलिस ने उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय बालाघाट में कार्यरत सहायक ग्रेड3 दुर्गेश कुमार वामनकर सहित उनके भाई अम्बेशरघुनाथ वामनकर पत्नी लक्ष्मी गायधने और मित्रों सहित 45 लोगों के नाम से एफआईआर दर्ज कर जांच प्रारंभ की है, इसमें और भी नाम जुडने की संभावना बताई जा रही है।
इस मामले के प्रमुख आरोपी दुर्गेश वामनकर ने कोषालाय के साफटवेयर में सेंधमारी कर जिवित और मृत कर्मचारियों के नाम की राशि निकालकर अपने तथा अपने रिश्तेदारों और मित्रों के नाम से खातों में भिजवा दी।
यह पुरा मामला विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय बालाघाट से जुड़ा है जहंा विगत 2 माह तक कोष एवं लेखाशाखा जबलपुर के जांच दल द्वारा जांच चल रही थी उसके बाद यह मामला प्रकाश में आया।जिसमें स्पष्ट हुआ की कोषालय के एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में सेंधमारी कर घोटाले को अंजाम दिया गया। यह बताया गया है की इस तरह घोटाले की कारगुजारी पिछले 5 वर्षों से चल रही थी। लिपिक दुर्गेश वामनकर ने 3 विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों की आईडी पासवर्ड का उपयोग किया है। इन अधिकारियों ने विश्वास में आकर वामनकर को अपनी आईडी दे दी थी। आरोपी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकाउण्टेंट का भी कार्य करता था।
आरोपी द्वारा फर्जी बिल लगाकर राशि निकालता था मृत कर्मचारियों की जीपीएफ तथा अन्य भुगतान के बिलों में हेराफेरी कर राशि अपने खातों में कर लेता था इतना ही नही शासकीय बिजली कंपनियों के सामग्री खरीदी भुगतान के बिल में अपने नाम के बैंक खाते में दर्ज कर लेता था।
आरोपी एक्सेल सीट में जाकर फिर बैंक खाता बदलता और जैसे ही कोषालय से राशि ट्रांसफर हो तो वह सीधे दुर्गेश वामनकर के खाते में चली जाती थी। इस प्रकार 21 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के फर्जी क्लेम तैयार किये थे।
इसकी किसी को भनक ना लगे इस लिये केश बुक और बिल ही तैयार नही करता था जो कर्मचारी काम ही नहीं करते थे उनके नाम पर बिल भुगतान करा लिया था। एरियर की राशि कर्मचारियों के पत्नी के खातों की जगह अपना खाता डालकर राशि निकलता रहा।
इस तरह किये गये गबन के मामले की जांच अधिकारी रोहित सिंह कौशल संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा जबलपुर द्वारा की गई जिसमें यह पाया गया की 2018-19 से 2023-24 तक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बालाघाट में हुये कुल 119 ट्रांजेक्शन के माध्यम से राज्य की संचित निधि से राशि 8644323 रुपये योजनाबद्ध तरीके से अहरण कर 15 व्यक्तियों के खाते में भुगतान कर राशि का गबन किया गया। जांच रिपोर्ट कलेक्टर डाक्टर गिरीश मिश्रा शिक्षा विभाग और शासन को प्रस्तुत की गई।
दुर्गेश वामनकर द्वारा दस्तावेजों में हेराफेरी का धोखाधड़ी की गई है।
कोतवाली पुलिस बालाघाट द्वारा इस मामले में गबन के मुख्य आरोपी दुर्गेश वामनकर,भाई अम्बेश वामनकर,पत्नी लक्ष्मी गायधने और मित्र देवीचरण पटले,परेश कुम्भरे, मुकेश डिब्बे, रिश्तेदार शैलेश करकडे, अभिषेक शुक्ला, अम्बर खटोले, तिरेश कुमार अग्रवाल, सुरेश भक्ति डोहरे, कल्याणी वामनकर, नरेश फन्दे,रूपाली वामनकर के विरुद्ध धारा 420,467,468,471 और 120 बी भादवि के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की है।
आइएफएम आईएस मॉड्यूल में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के लॉगिन पासवर्ड का दुरुपयोग कर राशि का गबन किया।
यह कारगुजारी विगत 5 वर्षो से चलती रही लेकिन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इसका क्यो नही पता चल पाया यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
आशंका व्यक्त की जा रही है की आरोपी को वरिष्ठ अधिकारियों का भी संरक्षण मिला हुआ था, लेकिन जांच में उजागर होने से यह मामला पुलिस तक पहुंचा अन्यथा फाइलों में ही दबा रहता।