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श्री आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ में प्रभु पार्श्वनाथजी का च्यवन कल्याणक महोत्सव मनाया गया
महावीर अग्रवाल
मंदसौर ११ दिसंबर ;अभी तक; आचार्य श्री अशोकसागर सूरिश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा व निश्रा में चन्द्रपुरा मेन रोड़ स्थित श्री आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ धाम ट्रस्ट के तत्वावधान में 8 दिवसीय प्रतिष्ठा महामहोत्सव का आयोजन पशुपतिनाथ मंदिर के समीप नवनिर्मित तीर्थ स्थल पर किया जा रहा है। 55 फीट की सर्पराज शोभित जिनालय में श्री उवसग्गहरं पार्श्वनाथ एवं आर्यरक्षित सूरिराज की भव्य गुरूमूर्ति के साथ अन्य देव देवी मूर्तियों की प्रतिष्ठा का भव्यातिभव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा महामहोत्सव आचार्य श्री अशोकसागरसूरिश्वरजी म.सा., आचार्य श्री सौम्यचन्द्रसागरजी म.सा., आचार्य श्री विवेकचन्द्रसागरजी म.सा., आचार्य श्री प्रसन्नचन्द्रसागरसूरिश्वरजी म.सा. एवं अन्य कई जैन संतों व साध्वियों की पावन निश्रा में आयोजित हो रहा है।
सोमवार को प्रतिष्ठा महोत्सव के तृतीय दिवस सोमवार को प्रभु पार्श्वनाथजी का च्यवन कल्याणक अर्थात देवलोक से प्रभु पार्श्वनाथजी के अपनी माता की कुक्षी (गर्भ) में अवतरण होने का उत्सव मनाया गया। कई विद्वान विधिकारकों के द्वारा इस अवसर पर प्रभु पार्श्वनाथजी की प्रतिमा के समक्ष पूजा अनुष्ठान कराये ये। इस अवसर पर श्री हिम्मत लोढ़ा व श्रीमती मीना लोढ़ा ने प्रभु पार्श्वनाथजी के माता-पिता अर्थात वाराणसी के अश्वसेन राजा व रानी वामादेवी और अभिषेक खमेसरा व श्रीमती पूर्वी खमेसरा ने इन्द्र इन्द्राणी का वेश धारण कर सभी पूजा अनुष्ठान में सहभागिता की तथा दोपहर में आयोजित नाटिका में भी भागीदारी की। इस अवसर पर उज्जवल मेहता, श्रीमती अंजू मेहता, प्रवीण संघवी, अंकुश कोठारी, प्रीत संघवी, पलास मालपुरिया, सुनील जैन, साधना श्रीमाल ने भी नाटिका में अपने अभिनय के माध्यम से सभी को आनंदित किया। इन चारों के अलावा अन्य धर्मालुजनों ने भी पूजा अनुष्ठान के उपरांत तीर्थ स्थल पर बने विशाल पाण्डाल में प्रभुजी की माता वामादेवी के 14 स्वप्न दर्शन एवं वाराणसी नगरी के अन्य पातों का स्टेज प्रोग्राम किया। इसके पूर्व यहां आचार्य श्री अशोकसागर सूरिश्वरजी म.सा. व अन्य जैन आचार्यों की पावन निश्रा में माणिभद्र यक्षराज का हवन पूजन किया गया। जिसका धर्मलाभ बोली लेने वाले परिवार ने लिया। सोमवार को प्रतिष्ठा महोत्सव के तृतीय दिवस नवकारसी व स्वामीवात्सल्य कराने का धर्मलाभ चन्द्रकुमार हेमलता संघवी परिवार की ओर से अनिल संघवी, अरविन्द संघवी, अजय संघवी परिवार ने प्राप्त कियां रविवार को तीर्थ स्थल पर धर्मसभा में लगाई गई बोलियों में भी मंदसौर नगर के धर्मालुजनों ने बढ़चढ़र भाग लिया। श्री शांतिलाल लोढ़ा, हिम्मत लोढ़ा, प्रदीप लोढ़ा (हिम्मत होम परिवार) ने श्री उवसग्गहरं पार्श्वनाथ एवं आर्यरक्षितसूरिजी की प्रतिमा भराने की बोली ली। जिसकी सभी ने अनुमोदना की।
च्यवन कल्याणक महोत्सव के अवसर पर आचार्य श्री अशोकसागरसूरिश्वरजी म.सा. ने धर्मसभा में कहा कि प्रभु पार्श्वनाथ सहित सभी 24 तीर्थंकरों के पांच कल्याणक मनाये जाते है। प्रभु जब अपनी माता की कुक्षी अर्थात गर्भ में आते है तब च्यवन कल्याण होता है गर्भ में आने के बाद प्रभु की माता वामादेवी 14 स्वप्त देखती है। प्रभु पार्श्वनाथजी का जब अपनी मता की कुक्षी (गर्भ) में अवतरण होता है तो सभी जीवों को संसार में सुख प्राप्त होता है क्योंकि तीर्थंकरों का जन्म ही संसार को सुख देने व उन्हें सद्मार्ग बताने के लिये हुआ है।
आचार्य श्री प्रसन्नचन्द्रसागरजी म.सा. ने कहा कि प्रभु पार्श्वनाथजी से हमें क्षमा को अपने जीवन में धारण करने का गुण प्राप्त करना चाहिये कोई भी व्यकित तुम्हारे साथ कितना ही अनुचित क्यांे न करे लेकिन हमें अपनी प्रवृत्ति जो दया, धर्म व अहिंसा की है उसे नहीं छोड़ना है।
इस अवसर पर श्री आर्यरक्षित सूरि धाम जैन तीर्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष शांतिलाल लोढ़ा (हिम्मत होम), उपाध्यक्ष मुकेश खमेसरा, सचिव दिलीप डांगी, सहसचिव दिलीप कुमार संघवी, कोषाध्यक्ष अनिल संघवी, ट्रस्टीगण लक्ष्मीलाल भण्डारी, नेमकुमार संघवी, विरेन्द्र भण्डारी, समाजसेवी हिम्मत लोढ़ा, कपिल भण्डारी, शैलेन्द्र भण्डारी, अभिषेक खमेसरा, चेतन खमेसरा, धर्मेन्द्र खमेसरा मूर्तिपूजक श्रीसंघ अध्यक्ष अरविन्द बोथरा, समाजसेवी राजेन्द्र खमेसरा, रमेश जैन डालर, विपिन संघवी, सुरेन्द्र भण्डारी, अजीत संघवी, सुनील दक अभिषेक ट्रेवल्स, सुनील तलेरा, छोटेलाल जैन, रखबचंद जैन किर्लोस्कर, भरत संघवी, प्रदीप छाजेड, महेन्द्र मालपुरिया, सुशील संघवी सहित कई गणमान्य नागरिकगण शामिल हुए।