प्रदेश
श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में गुंजी ‘‘आयोलाल-झूलेलाल’’ व ‘‘सतनाम् साक्षी‘‘ की स्वर लहरियां
महावीर अग्रवाल
मंदसौर १० अप्रैल ;अभी तक; सिन्धी समाज के आराध्य देव भगवान श्री झूलेलाल का 1075वां जन्मोत्सव चेटीचण्ड विक्रम संवत 2081 बुधवार 10 अप्रेल को सिन्धी हिन्दू समाज की प्रमुख धर्मपीठ सांई टेऊँरामजी महाराज के दरबार श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में चेटीचंड महोत्सव के पावन अवसर पर सांसद सुधीर गुप्ता के सानिध्य में आज अमृत वेला में प्रातः सात बजे 51 दीप प्रज्वलित कर भगवान श्री झूलेलाल भगवान, श्री लक्ष्मी नारायण, आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊॅरामजी महाराज, सद्गुरु स्वामी सर्वानंदजी महाराज, सद्गुरु स्वामी शांतिप्रकाश जी महाराज, सद्गुरु स्वामी हरिरामदासजी महाराज की आरती की गई। पूजा अर्चना केक प्रसाद जल ज्योति के अवतार भगवान श्री झूलेलाल से अरदास ‘पल्लव’ पाकर प्रार्थना की गई कि देश में सुख समृद्धि शांति एवं पर्याप्त वर्षा हो जिससे आम नागरिक सुख चैन से जी सके।
इस पावन अवसर पर श्री प्रेम प्रकाश आश्रम की परम्परा अनुसार सांसद श्री गुप्ता को सतगुरु के आशिष स्वरूप परवर देकर सम्मानित किया गया। सांसद श्री गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि सनातन धर्म का सिन्धी समाज रक्षक है, जब हिंदुओं पर मुगलों द्वारा अत्याचार किए गए और धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जा रहा था तब भगवान श्री झूलेलाल का अवतार हुआ था आज मैं भगवान से झूलेलाल के जन्मदिन पर श्री प्रेम प्रकाश आश्रम आकर अभिभूत हूं और धन्य हूं।
इस अवसर पर नगर के सिन्धी समाज ने सम्पूर्ण श्रद्धा, समर्पण व धार्मिक भावनाओं को अर्पित करते हुए नाचते, नृत्य करते हुए व ‘‘आयोलाल झूलेलाल’’ के उद्घोष के साथ खुशियों का इजहार किया।
इस आशय की जानकारी सेवामण्डली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने देते हुए बताया कि भगवान झूलेलाल की झूले की झांकि व दरबार की सजावट व भगवान लक्ष्मीनारायण, सतगुरू टेऊँरामजी महाराज, सतगुरू सर्वानन्दजी महाराज, सतगुरू शान्तिप्रकाश महाराज, सतगुरू हरिदासराम महाराज की प्रतिमाओं को सुन्दर पोषाक व सोलह श्रृंगार का मनोरथ तो देखते ही बन रहा था। हर दर्शनार्थी की नजर श्रद्धा से परिपूर्ण होकर निहारती रही। वही झूला (पालना) की झूलेलाल की झांकी भी बनाई गई थी। जिसको संगत ने झूलाकर भगवान से अपने जीवन में खुशहाली की मुराद मन्नत मांगी।
इस आशय की जानकारी सेवामण्डली के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शिवानी ने देते हुए बताया कि भगवान झूलेलाल की झूले की झांकि व दरबार की सजावट व भगवान लक्ष्मीनारायण, सतगुरू टेऊँरामजी महाराज, सतगुरू सर्वानन्दजी महाराज, सतगुरू शान्तिप्रकाश महाराज, सतगुरू हरिदासराम महाराज की प्रतिमाओं को सुन्दर पोषाक व सोलह श्रृंगार का मनोरथ तो देखते ही बन रहा था। हर दर्शनार्थी की नजर श्रद्धा से परिपूर्ण होकर निहारती रही। वही झूला (पालना) की झूलेलाल की झांकी भी बनाई गई थी। जिसको संगत ने झूलाकर भगवान से अपने जीवन में खुशहाली की मुराद मन्नत मांगी।
वाहन रैली का स्वागत
पूज्य सिन्धी जनरल पंचायत, श्री वरूणदेव मंदिर संचालन समिति व सिंधी युवा संगठन के तत्वाधान में विशाल वाहन रैली ढोल ढमाकों व शहनाई की मधुर वाणी के साथ जैसे ही प्रेमप्रकाश आश्रम में आगमन हुआ वैसे ही उपस्थित जनसमूह ने मंत्रमुग्ध हो गया तथा वातावरण ‘‘झूलेलाल’’ मय हो गया। रैली का पुष्पहारों से स्वागत किया गया। गुरू दरबार में सभी ने माथा टेककर अपने जीवन में सुख, समृद्धि व आपस में भाईचारे व प्रेम की कामनाओं की दुआं मांगी। श्री प्रेमप्रकाश महिला मण्डली की अध्यक्षता श्रीमती पुष्पा लक्ष्मणदास पमनानी के सानिध्य में महिला मण्डली ने अपने मुखारविन्द से भगवान झूलेलाल, दमा-दम मस्त कलन्दर, ‘जियेमुहजी सिन्ध’ के भजनों पर उपस्थित सभी नर-नारी बच्चे नृत्य करने को मजबूर हो गये।
श्री प्रेम प्रकाश ग्रन्थ की अमृतमयी वर्खा करते हुए श्रीमती पमनानी ने कहा कि ‘‘ईष्टदेव भगवान की करे उपासना जोय, कह टेऊँ तिस मनुष्य का निश्चल शुद्ध मन होय।।’’ अर्थात जो मनुष्य अपने ईष्टदेव की पूर्ण श्रद्धा-विश्वास से नियमित उपासना करता है, उस मनुष्य के मन में से छल कपट रूपी मेल उतर जाता है। उसका मन पूर्णतः शुद्ध, निर्मल व पवित्र हो जाता है। सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर व छोटो ने बड़ो के पाव छूकर भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव की लख-लख बधाईयां दी तथा सिन्धी भाषा व संस्कृति को प्रोत्साहित करने का आव्हान किया।
श्री प्रेम प्रकाश ग्रन्थ की अमृतमयी वर्खा करते हुए श्रीमती पमनानी ने कहा कि ‘‘ईष्टदेव भगवान की करे उपासना जोय, कह टेऊँ तिस मनुष्य का निश्चल शुद्ध मन होय।।’’ अर्थात जो मनुष्य अपने ईष्टदेव की पूर्ण श्रद्धा-विश्वास से नियमित उपासना करता है, उस मनुष्य के मन में से छल कपट रूपी मेल उतर जाता है। उसका मन पूर्णतः शुद्ध, निर्मल व पवित्र हो जाता है। सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर व छोटो ने बड़ो के पाव छूकर भगवान झूलेलाल के जन्मोत्सव की लख-लख बधाईयां दी तथा सिन्धी भाषा व संस्कृति को प्रोत्साहित करने का आव्हान किया।
इस अवसर मुख्य पूज्य सिंधी जनरल पंचायत के अध्यक्ष राम कोटवानी, लक्ष्मण रायमलानी अध्यक्ष वरूणदेव संचालन समिति, दृष्टानंद नैनवानी सिन्धु महल के संयोजक, पूज्य सिंधी भाई बन्ध पंचायत के अध्यक्ष वासुदेव सेवाननी, नन्दू आडवानी,वासुदेव खैमानी, मनोहर लालवानी, दयाराम जैसवानी, मोहनलाल फतनानी, राजकुमार आसवानी, देवीदास प्रदनानी,हरिश उत्तवानी, नरेश फतनानी, ताराचंद जैसवानी,गिरीश भग्तानी,ठाकुरदास खैराजानी, आदि के साथ छोटे-छोटे बच्चों ने मिलकर दीप प्रज्जवलित किये एवं केक काटकर भगवान झूलेलाल का जन्मोत्सव हर्षाेल्लास उमंग, उत्साह, प्रेम व श्रद्धा से नमन के साथ सुख शांति, अमन-चौन का पल्लव (विशेष अरदास) पाकर जन्मोत्सव की समाप्ति की। इस अवसर पर विनोद मेहता, रविन्द्र पाण्डेय, सुभाष गुप्ता ने भी सहभागिता की।
शिवानी ने बताया कि श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में भगवान झूलेलाल का ‘‘छठी’’ महोत्सव 15 अप्रैल सोमवार को शाम 6 से 7 बजे तक मनाया जावेगा। आभार प्रदर्शन महिला मण्डली प्रमुख श्रीमती पुष्पा पमनानी एवं किशन लालवानी ने प्रकट किया।
टेऊँराम जल मंदिर का शुभारंभ
श्री प्रेमप्रकाश आश्रम के बाहर संत कंवरराम मार्ग पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ममतामयी माता पिता स्व. श्रीमती भावनाबाई-सेवाराम बाबानी, स्व. श्रीमती देवीबाई-गोपालदास बाबानी की स्मृति में शंकर आईस फैक्ट्री के सहयोग से श्री प्रेम प्रकाश सेवा मण्डली एवं पूज्य सिन्धी भाई बंध पंचायत के सानिध्य में संगत को जल पिलाकर जल मंदिर प्रारंभ किया गया।
सुरेश बाबानी ने बताया कि लगातार सातवें वर्ष टेऊँराम जल मंदिर प्रारंभ किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन के समीप होने के कारण राहगीर, मुसाफिर ठंडा जल ग्रहण कर अपनी प्यास बुझाते है। जल ही जीवन है, इसलिये बाबानी परिवार को जल सेवा से बड़ा ही संतोष होता है।