प्रदेश

*संग्रहालय हमें अतीत की समृद्धता से रुबरू कराते हैं* 

महावीर अग्रवाल
मंदसौर १८ मई ;अभी तक; I संचालनालय पुरातत्त्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय द्वारा दिनांक 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर यशोधर्मन पुरातत्व संग्रहालय मंदसौर में मध्य प्रदेश की पुरातत्वीय धरोहर विषय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश  की पुरातत्वीय एवं पर्यटन संबंधी धरोहर को चित्रों के और मूर्तियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया । संग्रहाध्यक्ष श्री आशुतोष महाशब्दे  ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन डॉ. उषा अग्रवाल विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, शासकीय स्नातकोतर महाविद्यालय, मंदसौर द्वारा किया गया ।
                                                       इस अवसर डॉ. उषा अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि संग्रहालय वह संस्थान है जो कलात्मक सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व की कलाकृतियों और वस्तुओं को संरक्षित एवं प्रदर्शित करता है । हमारी विरासत के संरक्षण में संग्रहालय अहम भूमिका निभाते हैं, वे न केवल वस्तुओं को संरक्षित करते हैं वरन् हमें अपने इतिहास की धरोहर से रूबरू भी करवाते हैं और आत्मसम्मान की अनुभूति देते हैं । भारत सांस्कृतिक समृद्धता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है l यह उस मीठी रोटी की तरह है जिसे किसी भी भाग से तोड़कर खाया जाए तो मीठी ही लगेगी अर्थात जीवन के हर कोने में विरासत बिखरी पड़ी है, आवश्यकता है उसे सहेजने की। हमारी ज़िम्मेदारी है कि विरासत संरक्षण की दिशा  में जागरूकता फैलायी जाये । नई पीढ़ी को अतीत की समृद्धता से अवगत कराएँ । हमारा योगदान विरासत को संरक्षित करने की दिशा में होना चाहिए, विरासत को समाप्त करने में कदापि न हो ।
                                                             इस अवसर पर डॉ. दीपक परमार, सहायक प्राध्यापक शासकीय कन्या महा. मंदसौर एवं श्री जगदीश प्रसाद शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे , उद्घाटन के अवसर पर क्षेत्र के पार्षद नगेन्द्र सिंह ने पुरातत्व संग्रहालय विकास पर उद्बोधन दिया l

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