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सट्टाक्रिग से हमदर्दी में महिला सहित द्वय आरक्षक निंलबित

मयंक शर्मा
खंडवा १८ अप्रैल ;अभी तक;  एसपी सत्येंद्र  शुक्ल ने कहा कि रितेश गोयल का पासपोर्ट बनवाने के लिए सही जानकारी न देने के मामले में द्वय पुलिस कर्मी चैतनाथ परिहार व  पुष्पा सिंह को सोमवार को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही पासपोर्ट ऑफिस को रितेश गोयल का पासपोर्ट रद्द करने के लिए लिखा है।
                          एसपी ने कहा कि पासपोर्ट दफतर  यदि निर्देशित करता है तो फर्जी दस्तावेजों के मामले में भी कार्रवाई की जाएगी। , पूरे मामले का खुलासा प्रदीप जैन के अडंगे से होना है। आपराधिक रिकार्ड छुपाने के मामले में डीएसबी के अफसरों पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
                          बताया गया है कि पासपोर्ट रिन्युअल के दौरान आपराधिक रिकार्ड छुपाने में पुलिस व इंटेलिजेंस विभाग के अफसरों ने सांठगांठ करके खडवा के कॉलोनाइजर रितेश गोयल पर आपराधिक रिकार्ड शून्य बताकर आवेदन को अप्रूव कर दिया। रितेश का भोपाल ऑफिस से पासपोर्ट बनकर भी आ गया। खुलासा तब हुआ जब गोयल के साथी प्रदीप जैन के पासपोर्ट रिन्युअल को रोका गया। जैन ने अडंगा डाला तो जांच बैठ गई, पता चला कि जैन और गोयल पर 2019 में सट्टे का केस दर्ज है।
                           पुलिस वेरीफिकेशन पर हस्ताक्षर करने वाले तत्कालीन पदमनगर थाना प्रभारी   अशोक चैहान का कथन है कि चैतनाथ परिहार ने मुझसे आवेदन पर ये कहकर हस्ताक्षर करवाए कि इनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पुष्पा से जब सीसीटीएनएस में जांच करने के लिए कहा तो पुष्पा ने भी यही बताया। जांचकर्ता परिहार व पुष्पा की बात पर विश्वास कर मैंने हस्ताक्षर कर दिए जबकि, सट्‌टा किंग पर कार्रवाई के समय 2019 में चैतनाथ परिहार पदमनगर में ही पदस्थ था।
                         पूरे मामले में कॉलोनाइजर रितेश गोयल पर दर्ज केस की सही जानकारी न देने के मामले में द्वय पुलिस कर्मी  चैतनाथ परिहार और लेडी कांस्टेबल पुष्पा सिंह के निलंबन की कार्रवाई की गई इसके बादे पासपोर्ट बनवाने के लिए डीएसबी (डिस्ट्ीक स्पेशल ब्रंाच )ं भेज दिया। डीएसबी के अफसरों ने भी बिना पड़ताल किए पासपोर्ट को भोपाल भेज दिया। बाद में भोपाल पासपोर्ट ऑफिस से भी पासपोर्ट बनकर रितेश गोयल को मिल गया। लेकिन साथी प्रदीप जैन के पासपोर्ट में पुलिसकर्मियों ने कुछ कमियां बताकर वेरीफिकेशन रोक दिया। इस पर जैन ने तर्क दिया कि गोयल का पासपोर्ट तो बनकर आ गया है तो मेरा क्यों नहीं ?
                             तर्क को लेकर जांच कमेटी ने पाया कि रितेश गोयल के खिलाफ खंडवा के पदमनगर थाने में 2019 में गैंबलिंग एक्ट (जुट्टा-सट्‌टा) के तहत केस दर्ज है।इसी केस में प्रदीप जैन सह-आरोपी है। फिलहाल ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन पासपोर्ट रिन्युअल के दौरान गोयल और जैन दोनों ने शपथ-पत्र में इस बात को छुपा लिया। अब जल्द ही झूठा शपथ-पत्र देने के मामले में भी मांग हे कि एफआईआर दर्ज होना चाहिये।

 

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