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सतगुरू टेऊँरामजी महाराज के 137वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद् भगवत गीता एवं श्री प्रेमप्रकाश ग्रंथ के पाठों का शुभारंभ
महावीर अग्रवाल
मन्दसौर १९ जून ;अभी तक; जो मनुष्य अपने जीवन में महापुरूषों एवं सतगुरूओं के उपदेशों व शिक्षा पर चलते है, उन्हें अपने जीवनकाल में सुख समृद्धि व आत्म शांति की प्राप्ति होती है।
उक्त अमृतमयी प्रवचन खुशनुमा माहौल व रिमझिम बरसात में श्री प्रेमप्रकाश आश्रम मण्डलाचार्य 1008 सतगुरू स्वामी टेऊँरामजी महाराज के 137वें जन्मोत्सव व चालिसा के अवसर पर श्री प्रेमप्रकाश आश्रम में श्रद्धालु संगत पर संत श्री शंभुलाल ने कहे। आप श्री ने 137वें जन्मोत्सव एवं चालिसा महोत्सव के अवसर पर श्रीमती कविता सुरेशकुमार बाबानी परिवार के लाभार्थ सत्संग सभा में व्यक्त किये।
संत श्री शंभुलाल ने कहा कि मनुष्य को अपने 84 लाख योनियों से छुटकारा पाना है तो सतगुरू स्वामी टेऊँराम महाराज के उपदेशों को अंगीकार करना चाहिये। अगर आप चिंता न करके चिंतन करेंगे तो हर समस्या का निदान प्राप्त हो सकता है।
प्रारंभ में संत श्री ने भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं सतगुरूओं के श्री विग्रहों पर पुष्पमालाएं अर्पित कर दीप प्रज्जवलित की एवं नवगृह की पूजा कर श्रीमद् भगवत गीता एवं श्री प्रेमप्रकाश ग्रंथ के पाठों का शुभारंभ किया। अमरापुर वासी पूज्य स्व. दादी लाजवंती देवी के मासिक तिथि अमावस्या पर निराश्रित बालगृह की कन्याओं को कन्या भोजन प्रारंभ किया गया।
167 परिवारों द्वारा स्थापित श्रीमद् भागवत गीता के पाठों का भोग
सेवामण्डली के प्रमुख पुरूषोत्तम शिवानी ने बताया कि जन्मोत्सव के चालीसा महोत्सव के अंतर्गत 22 जून 2023, गुरूवार को श्रीमद् भगवत गीता के 167 पाठों का सामूहिक भोग सम्पन्न होगा। एवं 21 जून बुधवार को 56 भोग के प्रसाद का नैवेद्य लगाया जावेगा।
प्रारंभ में संत श्री ने भगवान श्री लक्ष्मीनारायण एवं सतगुरूओं के श्री विग्रहों पर पुष्पमालाएं अर्पित कर दीप प्रज्जवलित की एवं नवगृह की पूजा कर श्रीमद् भगवत गीता एवं श्री प्रेमप्रकाश ग्रंथ के पाठों का शुभारंभ किया। अमरापुर वासी पूज्य स्व. दादी लाजवंती देवी के मासिक तिथि अमावस्या पर निराश्रित बालगृह की कन्याओं को कन्या भोजन प्रारंभ किया गया।
167 परिवारों द्वारा स्थापित श्रीमद् भागवत गीता के पाठों का भोग
सेवामण्डली के प्रमुख पुरूषोत्तम शिवानी ने बताया कि जन्मोत्सव के चालीसा महोत्सव के अंतर्गत 22 जून 2023, गुरूवार को श्रीमद् भगवत गीता के 167 पाठों का सामूहिक भोग सम्पन्न होगा। एवं 21 जून बुधवार को 56 भोग के प्रसाद का नैवेद्य लगाया जावेगा।